लखनऊ: दुराचार के आरोप से बचने के लिए फर्जी विवाह प्रमाण पत्र बनाने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने सुशांत गोल्फ सिटी थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया. अदालत ने आरोपी अमर सिंह उर्फ अभय यादव और अनुज कुमार यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने के लिए कहा है.
अदालत के समक्ष धोखाधड़ी को लेकर रिपोर्ट दर्ज करने की अर्जी शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता अमन राज श्रीवास्तव और विवेक श्रीवास्तव के माध्यम से प्रस्तुत की थी. अर्जी में आरोप लगाया गया कि आरोपी अमर सिंह उर्फ अभय यादव ने वर्ष 2016 में वादी की बेटी को नशीला पदार्थ पिलाकर दुराचार किया गया था. इस मामले की रिपोर्ट उसकी बेटी ने पुलिस में की थी.
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अदालत के समक्ष यह भी कहा गया कि दुराचार के आरोपों से बचने के लिए अभियुक्त ने 26 अप्रैल 2016 की तिथि में जिला आर्य समाज बाराबंकी, जयश्री वेलफेयर सोसाइटी और आर्य समाज सुरेंद्र नगर कमता के पते से तीन विवाह प्रमाण पत्र बनवा कर अदालत में दाखिल किये थे. कहा गया कि जब आरोपी को पुलिस ने जेल भेजा गया, तब आरोपी ने अपनी जमानत अर्जी के साथ इन दस्तावेजों को अदालत में दाखिल किया था.
बहस के दौरान यह भी कहा गया कि आरोपी अनुज कुमार यादव ने शपथ पत्र दाखिल कर समस्त दस्तावेजों को सत्यापित करने को कहा था, लेकिन अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि अभियुक्त का विवाह प्रमाणपत्र कूटरचित और फर्जी है. अदालत ने इसी आदेश के आधार पर आरोपी और उसके सहयोगी अनुज कुमार यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया.
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