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मजदूरों को बंधक बनाकर जबरन इलाज करने का मामला, अभियुक्त लव शेखर की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यबीर सिंह ने बगैर किसी बीमारी के मजदूरों को बंधक बनाकर वीगो और इंजेक्शन लगाने के मामले में निरुद्ध मुल्जिम लव शेखर की सात घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की.

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अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यबीर सिंह
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Published : Feb 16, 2022, 10:54 PM IST

लखनऊ: अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यबीर सिंह ने एमसीआई की मान्यता के लिए बगैर किसी बीमारी के मजदूरों को बंधक बनाकर वीगो और इंजेक्शन लगाने के मामले में निरुद्ध मुल्जिम लव शेखर की सात घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की. अभियुक्त की पुलिस रिमांड अवधि 17 फरवरी की सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रभावी होगी. कोर्ट ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एसआई हिमांचल सिंह की अर्जी पर दिया.

8 फरवरी, 2022 को धोखाधड़ी को लेकर एफआईआर मजदूर अंशु ने थाना ठाकुरगंज में दर्ज कराई थी. इसके अगले दिन मुल्जिम लव शेखर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. अभियुक्त एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कालेज परिसर स्थित आरआर सिन्हा हास्पिटल का प्रशासनिक अधिकारी है. अदालत के समक्ष विवेचक हिमाचल सिंह ने आरोपी को 7 दिन के लिए कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्जी देकर बताया था कि विवेचना के दौरान 9 फरवरी को आरोपी लव शेखर को गिरफ्तार करके जेल भेज गया था.

ये भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर दी जमानत, तुरंत रिहा करने का आदेश

कहा गया कि आगे की विवेचना में पता चला कि कालेज के आरआर सिन्हा हॉस्पिटल में मजदूरों को बिना बीमारी भर्ती किए वीगो लगाकर इलाज किया गया. उनकी किडनी, लिवर और खून निकलने का प्रयास किया गया. इसका मकसद अभी तक पता नहीं चला है. कहा गया कि आरोपी को रिमांड पर लेकर मूल उद्देश्य, घटना में शामिल अन्य लोगों की जानकारी की जानी है.

खण्ड शिक्षा अधिकारी की जमानत अर्जी खारिज, बीस हजार रुपये की रिश्वत लेतेहुआ था गिरफ्तार
लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने रिश्वत लेने के एक मामले में निरुद्ध खण्ड शिक्षा अधिकारी भुवनेन्दू कुमार अरजरिया की जमानत अर्जी बुधवार को खारिज कर दी. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया. अभियुक्त जनपद झांसी के मऊरानीपुर ब्लाक में तैनात था. 5 जनवरी, 2022 को अभियुक्त के खिलाफ सहायक अध्यापक विजय कुमार ने विजिलेंस में शिकायत की थी. सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक विजय के खिलाफ एक विभागीय जांच खत्म करने के एवज में अभियुक्त उनसे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. 21 जनवरी, 2022 को मुल्जिम को रिश्वत की इस रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले की रिपोर्ट झांसी के नवाबाद थाने में दर्ज कराई गई थी. इसमें कहा गया था कि गुरसराय के खेरी ब्लॉक में स्थित प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक विजय कुमार ने 5 जनवरी को कानपुर के सतर्कता विभाग में शिकायत की थी, कि मऊ रानीपुर ब्लॉक के विद्यालयों की किचन के विस्तारीकरण के धन को निजी प्रयोग में लेने की झूठी शिकायत उनके खिलाफ की गई थी. कहा गया था कि वादी विजय के खिलाफ चल रही, इसी जांच को झांसी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मऊ रानीपुर के खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेन्दू कुमार को दी थी. आरोपी ने जांच खत्म करने के एवज में वादी से 20 हजार की रिश्वत मांगी थी. इस शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने आरोपी भुवनेन्दू कुमार को गत 20 जनवरी को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.

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लखनऊ: अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यबीर सिंह ने एमसीआई की मान्यता के लिए बगैर किसी बीमारी के मजदूरों को बंधक बनाकर वीगो और इंजेक्शन लगाने के मामले में निरुद्ध मुल्जिम लव शेखर की सात घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की. अभियुक्त की पुलिस रिमांड अवधि 17 फरवरी की सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रभावी होगी. कोर्ट ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एसआई हिमांचल सिंह की अर्जी पर दिया.

8 फरवरी, 2022 को धोखाधड़ी को लेकर एफआईआर मजदूर अंशु ने थाना ठाकुरगंज में दर्ज कराई थी. इसके अगले दिन मुल्जिम लव शेखर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. अभियुक्त एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कालेज परिसर स्थित आरआर सिन्हा हास्पिटल का प्रशासनिक अधिकारी है. अदालत के समक्ष विवेचक हिमाचल सिंह ने आरोपी को 7 दिन के लिए कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्जी देकर बताया था कि विवेचना के दौरान 9 फरवरी को आरोपी लव शेखर को गिरफ्तार करके जेल भेज गया था.

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कहा गया कि आगे की विवेचना में पता चला कि कालेज के आरआर सिन्हा हॉस्पिटल में मजदूरों को बिना बीमारी भर्ती किए वीगो लगाकर इलाज किया गया. उनकी किडनी, लिवर और खून निकलने का प्रयास किया गया. इसका मकसद अभी तक पता नहीं चला है. कहा गया कि आरोपी को रिमांड पर लेकर मूल उद्देश्य, घटना में शामिल अन्य लोगों की जानकारी की जानी है.

खण्ड शिक्षा अधिकारी की जमानत अर्जी खारिज, बीस हजार रुपये की रिश्वत लेतेहुआ था गिरफ्तार
लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने रिश्वत लेने के एक मामले में निरुद्ध खण्ड शिक्षा अधिकारी भुवनेन्दू कुमार अरजरिया की जमानत अर्जी बुधवार को खारिज कर दी. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया. अभियुक्त जनपद झांसी के मऊरानीपुर ब्लाक में तैनात था. 5 जनवरी, 2022 को अभियुक्त के खिलाफ सहायक अध्यापक विजय कुमार ने विजिलेंस में शिकायत की थी. सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक विजय के खिलाफ एक विभागीय जांच खत्म करने के एवज में अभियुक्त उनसे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. 21 जनवरी, 2022 को मुल्जिम को रिश्वत की इस रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले की रिपोर्ट झांसी के नवाबाद थाने में दर्ज कराई गई थी. इसमें कहा गया था कि गुरसराय के खेरी ब्लॉक में स्थित प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक विजय कुमार ने 5 जनवरी को कानपुर के सतर्कता विभाग में शिकायत की थी, कि मऊ रानीपुर ब्लॉक के विद्यालयों की किचन के विस्तारीकरण के धन को निजी प्रयोग में लेने की झूठी शिकायत उनके खिलाफ की गई थी. कहा गया था कि वादी विजय के खिलाफ चल रही, इसी जांच को झांसी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मऊ रानीपुर के खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेन्दू कुमार को दी थी. आरोपी ने जांच खत्म करने के एवज में वादी से 20 हजार की रिश्वत मांगी थी. इस शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने आरोपी भुवनेन्दू कुमार को गत 20 जनवरी को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.

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