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बिजली विभाग में मीटरों की भारी कमी, उपकेंद्र से एमडी ऑफिस तक कनेक्शन के लिए भटक रहे उपभोक्ता

बिजली विभाग के पास मीटरों की भारी कमी है, जिसके चलते उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नए कनेक्शन के लिए उपभोक्ता महीनों उपकेंद्र से लेकर अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता तक के चक्कर काटकर थक चुके हैं.

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Published : Aug 2, 2022, 7:15 PM IST

लखनऊ : बिजली विभाग के पास मीटरों की भारी कमी है, जिसके चलते उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नए कनेक्शन के लिए उपभोक्ता महीनों उपकेंद्र से लेकर अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता तक के चक्कर काटकर थक चुके हैं. आखिर में एमडी दफ्तर तक कनेक्शन के लिए गुहार लगाने पहुंच रहे हैं, लेकिन मीटरों की कमी के चलते उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं. लखनऊ में ही मीटरों के अभाव में तकरीबन 8000 कनेक्शनों के आवेदन लंबित हैं, वहीं प्रदेश भर में इनकी तादाद काफी ज्यादा है. मीटर न होने के चलते उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ रही है.



उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन ने ऑनलाइन कनेक्शन के आवेदन के लिए झटपट पोर्टल बनाया था. इस पोर्टल पर आवेदन के बाद नए कनेक्शन देने की प्रक्रिया पावर काॅरपोरेशन शुरू कर देता है. सात दिन के अंदर हरहाल में उपभोक्ता को कनेक्शन उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है, लेकिन विभाग के यह सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. सात दिन में किसी भी उपभोक्ता को कनेक्शन किसी कीमत पर नहीं मिल पा रहा है, बल्कि इसके लिए उपभोक्ता को कई-कई महीने इंतजार करना पड़ रहा है. इसकी सबसे खास वजह मीटरों की कमी होना है. विभाग के पास न तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही हैं और न ही साधारण मीटर. ऐसे में उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन लेना चाहे तो उसे सात दिन के अंदर कनेक्शन नहीं मिल सकता. नए कनेक्शन के चक्कर में आवेदक बार-बार अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अधिकारी भी उन्हें यह कहकर वापस भेज रहे हैं कि जब मीटर ही नहीं है तो कनेक्शन कैसे कर दिया जाए.

लखनऊ में 120 से ज्यादा बिजली घर हैं और इन सभी बिजली घरों पर दर्जनों कनेक्शनों के आवेदन लंबित चल रहे हैं. मीटरों के अभाव में आवेदकों को समय पर कनेक्शन उपलब्ध ही नहीं हो पा रहा है. अधिकारी आपस में एक-दूसरे उपकेंद्रों से मीटर मंगाकर किसी तरह उपभोक्ता के घर पर लगा पा रहे हैं, वह भी तब जब उपभोक्ता का कहीं से कोई जुगाड़ हो, नहीं तो तय अवधि में घर पर कनेक्शन हो जाने के दावे वाले विभाग के पास ऐसी कोई तरकीब नहीं है कि आवेदक को कनेक्शन उपलब्ध हो जाये. एस्टीमेट का पैसा जमा करने के बाद भी मीटर न होने के चलते कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है, जिससे लोग बिजली के लिए भी तरस रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : एलडीए ने प्रॉपर्टी ट्रांसफर शुल्क में दी राहत, पुरानी व्यवस्था समाप्त
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत मीटरों की कमी पर सफाई देते हुए कहते हैं कि लखनऊ समेत मध्यांचल के 19 जिलों में मीटरों की कमी से दिक्कत हो रही है. मीटर की सप्लाई के लिए फर्मों को ऑर्डर कर दिया है. गुणवत्ता के लिए इंस्पेक्शन कराकर मीटर की कमी अगस्त माह में हरहाल में पूरी कर दी जाएगी. जो भी लंबित कनेक्शन हैं उन आवेदकों के घर पर मीटर लग जाएगा.
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लखनऊ : बिजली विभाग के पास मीटरों की भारी कमी है, जिसके चलते उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नए कनेक्शन के लिए उपभोक्ता महीनों उपकेंद्र से लेकर अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता तक के चक्कर काटकर थक चुके हैं. आखिर में एमडी दफ्तर तक कनेक्शन के लिए गुहार लगाने पहुंच रहे हैं, लेकिन मीटरों की कमी के चलते उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं. लखनऊ में ही मीटरों के अभाव में तकरीबन 8000 कनेक्शनों के आवेदन लंबित हैं, वहीं प्रदेश भर में इनकी तादाद काफी ज्यादा है. मीटर न होने के चलते उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ रही है.



उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन ने ऑनलाइन कनेक्शन के आवेदन के लिए झटपट पोर्टल बनाया था. इस पोर्टल पर आवेदन के बाद नए कनेक्शन देने की प्रक्रिया पावर काॅरपोरेशन शुरू कर देता है. सात दिन के अंदर हरहाल में उपभोक्ता को कनेक्शन उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है, लेकिन विभाग के यह सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. सात दिन में किसी भी उपभोक्ता को कनेक्शन किसी कीमत पर नहीं मिल पा रहा है, बल्कि इसके लिए उपभोक्ता को कई-कई महीने इंतजार करना पड़ रहा है. इसकी सबसे खास वजह मीटरों की कमी होना है. विभाग के पास न तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही हैं और न ही साधारण मीटर. ऐसे में उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन लेना चाहे तो उसे सात दिन के अंदर कनेक्शन नहीं मिल सकता. नए कनेक्शन के चक्कर में आवेदक बार-बार अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अधिकारी भी उन्हें यह कहकर वापस भेज रहे हैं कि जब मीटर ही नहीं है तो कनेक्शन कैसे कर दिया जाए.

लखनऊ में 120 से ज्यादा बिजली घर हैं और इन सभी बिजली घरों पर दर्जनों कनेक्शनों के आवेदन लंबित चल रहे हैं. मीटरों के अभाव में आवेदकों को समय पर कनेक्शन उपलब्ध ही नहीं हो पा रहा है. अधिकारी आपस में एक-दूसरे उपकेंद्रों से मीटर मंगाकर किसी तरह उपभोक्ता के घर पर लगा पा रहे हैं, वह भी तब जब उपभोक्ता का कहीं से कोई जुगाड़ हो, नहीं तो तय अवधि में घर पर कनेक्शन हो जाने के दावे वाले विभाग के पास ऐसी कोई तरकीब नहीं है कि आवेदक को कनेक्शन उपलब्ध हो जाये. एस्टीमेट का पैसा जमा करने के बाद भी मीटर न होने के चलते कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है, जिससे लोग बिजली के लिए भी तरस रहे हैं.
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मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत मीटरों की कमी पर सफाई देते हुए कहते हैं कि लखनऊ समेत मध्यांचल के 19 जिलों में मीटरों की कमी से दिक्कत हो रही है. मीटर की सप्लाई के लिए फर्मों को ऑर्डर कर दिया है. गुणवत्ता के लिए इंस्पेक्शन कराकर मीटर की कमी अगस्त माह में हरहाल में पूरी कर दी जाएगी. जो भी लंबित कनेक्शन हैं उन आवेदकों के घर पर मीटर लग जाएगा.
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