लखनऊ : उत्तर प्रदेश में दो साल बाद एक बार फिर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने शुरू हो गए हैं, जबकि दो साल पहले ही विवादों की वजह से इसे बैन कर दिया गया था. कानपुर केस्को ने एक बार फिर से 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना शुरू कर दिया है. उपभोक्ता परिषद ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. परिषद अध्यक्ष ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में बीआईएस में फंक्शनल प्रॉब्लम उजागर हुई है. इसके बाद भी स्मार्ट मीटर लगना शुरू हो गया है. सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि क्या भविष्य में किसी भी तकनीकी व्यवधान और असफलता के लिए पावर काॅरपोरेशन प्रबंधन व बिजली कंपनियों की जिम्मेदारी होगी? पावर काॅरपोरेशन प्रबंधन ने प्रदेश में लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कमियों पर एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को पत्र भेजकर जवाब मांगा है, लेकिन पिछले चार महीनों से ईईएसएल कोई जवाब नहीं दे रहा है. ऐसे में क्या उपभोक्ता परिसर पर यह स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना उचित है?
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा फिर से मीटर लगाना प्रारंभ कर दिया गया है. इसकी शुरुआत केस्को (कानपुर) से हो गई है. इस बार ईईएसएल द्वारा 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं. बता दें कि दो साल पहले जन्माष्टमी पर एसटीएफ जांच सहित अनेकों अनियमितताओं पर उत्तर प्रदेश सरकार और पावर काॅरपोरेशन ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना बंद कर दिया था. हालांकि किसी भी जांच में आज तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. बिजली प्रबंधन पर यह सवाल उठ रहा है कि अनेकों जांचों के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में उच्च तकनीकी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने चाहिए. मई में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में केंद्रीय उर्जा सचिव की मीटिंग हुई जहां उत्तर प्रदेश में 4जी स्मार्ट मीटर लगाए जाने को लेकर यह मामला सामने आया था कि जो स्मार्ट मीटर उत्तर प्रदेश में लगने वाले हैं. उसके बीआईएस सर्टिफिकेशन में कुछ फंक्शनल प्रॉब्लम है, जिसको लेकर पावर काॅरपोरेशन ने मई सहित अभी पिछले सप्ताह 18 अगस्त में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के डायरेक्टर को पत्र लिखकर यह जानना चाहा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में सामने आ चुकीं समस्याएं क्या हैं? अभी तक इन समस्याओं के बारे में ईईएसएल ने पावर काॅरपोरेशन को अवगत नहीं कराया, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना शुरू हो गया है, जो सही नहीं है.
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उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा एक सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि उत्तर प्रदेश में जो पुरानी तकनीकी के लगभग 12 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए गए हैं, उनको उच्च तकनीकी आधारित 4जी मीटर में कब कन्वर्ट किया जाएगा? स्मार्ट प्रीपेड मीटर में जो फंग्शनल प्रॉब्लम सामने आई है, उसमें हाईली एक्सीलरेटेड लाइफ टेस्ट (एचएलटी) और रिलायबिलिटी टेस्ट के बाद यह साफ हो पाएगा कि यह फंक्शनल प्रॉब्लम कितनी बड़ी है?
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