लखनऊ : अभी तक बिजली विभाग 10,000 रुपये से ज्यादा के बकायेदारों के कनेक्शन काटने के लिए अभियान चलाता था लेकिन अब इस राशि को 5,000 रुपये तक ला दिया गया है. यानी इससे ज्यादा के बकायेदारों का कनेक्शन काट दिया जाएगा. इसके लिए छोटे बकायेदारों को किसी तरह का नोटिस भी नहीं दिया जाएगी.
बिजली विभाग के अधिकारियों का साफ कहना है कि बिल पर ऑलरेडी ड्यू डेट लिखी होती है. ऐसे में उपभोक्ता को खुद ही सही समय पर बिल जमा करना होगा. 5,000 रुपये से ज्यादा बकायेदारों की सूची तैयार कर ली गई है. अब जून माह तक लगातार कनेक्शन काटे जाएंगे. ऐसे में अब छोटे बकायेदारों को भी झटका लगेगा.
बिजली विभाग इन दिनों बकाया वसूली पर काफी ध्यान दे रहा है. इसके पीछे वजह है कि लगातार बिजली की मांग बढ़ती जा रही है. बिजली विभाग के पास बिजली खरीदने के लिए पैसे की काफी कमी है. पहले से ही 97,000 करोड़ रुपये के घाटे में बिजली विभाग है. ऐसे में इस घाटे की भरपाई करने के लिए अब विभाग ने 5,000 से भी ज्यादा के बकायेदारों का कनेक्शन काटने का फैसला लिया है.
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विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे तकरीबन लखनऊ में ही 20 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं से बिल के रूप में वसूले जा सकेंगे. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Limited) ने लेसा समेत निगम के अंदर आने वाले 19 जिलों में 5,000 रुपये से ज्यादा के बकायेदारों के कनेक्शन काटने का फैसला लिया है. लेसा ट्रांस गोमती के चीफ इंजीनियर अनिल तिवारी के मुताबिक लखनऊ में ऐसे उपभोक्ताओं की सूची तैयार कर ली गई है.
ट्रांस गोमती और सिस गोमती क्षेत्र को मिलाकर तकरीबन दो लाख से ज्यादा ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनका बिल 5,000 रुपये से ज्यादा है. अब इन उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटा जाएगा. लखनऊ समेत मध्यांचल के 20 जिलों में कनेक्शन काटने का अभियान शुरू होगा. डिवीजन स्तर पर एक्सईएन को इसके बारे में सूचना दे दी गई है.
एक माह में 5000 जिनका बिल, उनका नहीं कटेगा कनेक्शन
लेसा ट्रांस गोमती के मुख्य अभियंता अनिल कुमार तिवारी (Chief Engineer Anil Kumar Tiwari) ने बताया कि इस अभियान में उन उपभोक्ताओं को शामिल नहीं किया जा रहा है जिनका एक माह का ही 5 हजार रुपये से ज्यादा का बिल आता है. ऐसे बिलों में यह चेक किया जाएगा कि कम से कम उपभोक्ता ने दो से तीन महीने तक अपना बिजली बिल न जमा किया हो. शहर में ऐसे सैकड़ों लोग हैं, जिनका हजारों रुपये का बकाया है. विभागीय अधिकारियों की माने तो ऐसे उपभोक्ताओं पर लखनऊ में ही 20 करोड़ से ज्यादा का बकाया है. अधिकारी बताते हैं कि, लखनऊ में 50 हजार से ज्यादा ऐसे बकायदार हैं जिन पर एक लाख से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है. इनमें ट्रांस गोमती डिवीजन में ही लगभग 24 हजार बकाएदार हैं.
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