लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीति यूपी में इतिहास बनाएगी या खुद इतिहास बन जाएगी. इसका पता तो नतीजे आने के बाद ही चलेगा. लेकिन, प्रियंका के प्रयास बाकियों से बहुत अलग दिख रहे हैं. अगर आपको भी ऐसा ही लगता है तो संभवत: आप बिल्कुल सही हैं. प्रियंका गांधी यूपी में प्रचार के लिए कई तरह के नवाचार कर रही हैं. इसी के तहत डिजिटल मैराथन, वॉल ऑफ भर्ती क्रांति, बटन दबाओ स्कूटी पाओ, डांस टैलेंट, दोतरफा वर्चुअल संवाद, सात तरह के श्वेत पत्र और शक्ति संवाद जैसे कई प्रोग्राम डिजाइन किए हैं. आइए आपको बताते हैं कि प्रियंका गांधी किन-किन तरीकों से वोटरों को जोड़ने के प्रयास कर रही हैं.
शक्ति संवाद
शक्ति संवाद के तहत एक करोड़ महिलाओं को पत्र भेजकर अब नहीं तो कब? सवाल के जरिए सीधे तौर पर चुनाव में समर्थन मांग रही हैं. पत्र में टोल फ्री नंबर '8303000066' भी दर्ज है. इसे डायल करने पर महिलाओं को बताया जा रहा है कि नौकरी के लिए एक, स्मार्टफोन/स्कूटी के लिए दो, पचीस हजार रुपये की कोरोना आर्थिक सहायता के लिए तीन, सालाना तीन मुफ्त सिलिंडर के लिए चार और 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान से जुड़ने के लिए पांच नंबर दबाकर पंजीकरण कराएं.
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कांग्रेस के डिजिटल मीडिया संयोजक और प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं, वहीं, कांग्रेस पार्टी जनहित के मुद्दों को लेकर जनता के हित की बात कर रही है. पार्टी की तरफ से ऐसे कार्यक्रम बनाए गए हैं, जिससे जनता का लाभ हो. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी हर मुद्दे को गंभीरता से उठाती हैं. हमेशा जनता के हित की ही बात करती हैं. हमें उम्मीद है कि जनता इस चुनाव में ध्रुवीकरण के जाल में न फंसकर जनहित के मुद्दों पर ही अपना वोट करेगी और कांग्रेस के हाथ को मजबूत करेगी.
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