लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क कर रहे हैं. इसको लेकर यूपी कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के दरवाजे पर अपने चुनाव चिन्ह का स्टीकर लगाना साबित करता है कि बीजेपी को चुनाव आचार संहिता और चुनाव आयोग की कोई परवाह नहीं है. भाजपा अन्य एजेंसियों की तरह चुनाव आयोग को भी अपना एक फ्रंटल संगठन समझने की भूल कर रही है.
लखनऊ में आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भाजपा का ये काम निश्चित रूप से लोकतंत्र की हत्या व आचार संहिता का खुला उल्लंघन है. चुनाव आयोग को इस प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए. प्रयागराज में भाजपा सदस्य घर-घर जाकर केंद्र एवं प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभान्वित लोगों के घरों पर बिना उनकी सहमति के स्टीकर लगा रहे हैं. चुनाव आयोग इतने गंभीर प्रकरण पर यदि कार्रवाई नहीं करता है, तो माना जाए कि परोक्ष रूप से चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है.
यूपी कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता ने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्षता संदेह के घेरे में है. कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा गरीबों में बांटी गई मदद पर फोटो लगाई गई हो. यहां तो वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर भी पीएम की फोटो लगाकर प्रचार किया गया. सरकारें जो भी चीजें जनता को मुहैया कराती हैं, वो सरकार के कर्तव्य हैं. चुनी हुई सरकार का कर्तव्य होता है कि जनता के टैक्स का सही उपयोग हो और सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि भाजपा सरकार यह कह रही है कि जनता को सुविधा मुहैया कराकर हमने उपलब्धि हासिल की है, तो इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि साढे़ 13 करोड़ लोग इस सरकार में गरीबी रेखा के नीचे आ गये. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं. बेरोजगारी अपने 45 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर है. अपराध, महिला अपराध भाजपा सरकार के शासनकाल में चरम पर पहुंच चुके हैं.
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