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डॉ. कफील की बर्खास्तगी पर सियासत शुरू, जानें सत्ता और विपक्ष ने क्या कहा?

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Published : Nov 11, 2021, 4:50 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 5:34 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में BRD मेडिकल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई कई बच्चों की मौत मामले में डॉ. कफील खान को बर्खास्त करने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष ने बयानबाजी शुरू कर दी है. आइए जानतें हैं कि किसने क्या कहा?

डॉ. कफील.
डॉ. कफील.

लखनऊ: गोरखपुर के बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. मोम्मद कफील को बर्खास्त करने के बाद सियासत गरमा गई है. जहां भारतीय जनता पार्टी ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन का समर्थन किया है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने डॉ. कफील की बर्खास्तगी पर सवाल खड़े किए हैं और इसे सरकार की शह पर हुई कार्रवाई बताया है.

भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता की प्रतक्रिया.

भाजपा की ओर से स्पष्ट किया गया है कि डॉ. कफील ने सेवा में रहते हुए न केवल अपने काम में लापरवाही की बल्कि राजनैतिक बयानबाजी में जुटे रहे. उन पर विभागीय आरोप सिद्ध हुए हैं, इसलिए ही यह एक्शन लिया गया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. कफील पर पूरी विभागीय कार्रवाई की गई है. उन पर आरोप सिद्ध हुए हैं. जिसके बाद में यह एक्शन हुआ है. राकेश त्रिपाठी ने कहा कि न केवल डॉ. कफील ने अपने काम में लापरवाही की है बल्कि उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी भी की है. जिसका सही परिणाम उनको मिल रहा है. भाजपा उन पर किये गए एक्शन का समर्थन करती है.

वहीं, कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता रफत फातिमा का कहना है कि कहीं न कहीं डॉ कफील के साथ अन्याय हो रहा है. जिस तरीके से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में वह घटना घटी थी, अगर देखा जाए तो उसमें वे एक मसीहा का काम कर रहे थे. उन्होंने बच्चों को ऑक्सीजन मुहैया कराई थी. ये सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है औ र मजलूमों को सता रही है. कहीं न कहीं यह सरकार की शह पर यह कार्रवाई हुई है.

रफत फातिमा ने कहा कि अभी कासगंज की घटना सामने देखिए, जिस तरह बच्चे की पुलिस हिरासत में मौत हुई और बताया जा रहा है खुदकुशी की है. भला कोई ऐसे भी खुदकुशी कर सकता है. इसके पीछे कोई न कोई वजह है. पूरी तरह से सरकार ने अपराधियों को संरक्षण दिया है और मजलूमों को सताया है. इसी तरह लखीमपुर की घटना में मंत्री को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है. जबकि सरकार कह रही कि अपराधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सामने सब कुछ नजर आ रहा है. 2022 में भाजपा जरूर भुगतेगी.

इसे भी पढ़ें-BRD अस्पताल में बच्चों की मौत मामले में डॉ. कफील खान बर्खास्त

प्रियंका गांधी की डॉ. कफील से पूर्व में हुई मुलाकात की बात पर रफत फातिमा ने कहा कि कांग्रेस सबके साथ खड़ी है. कांग्रेस हर उस व्यक्ति के साथ खड़ी है, जिसे भी सताया जा रहा है. प्रियंका गांधी हर वर्ग के साथ खड़ी रहती हैं. प्रियंका गांधी सबसे मिल रही हैं. यही वजह है कि पीड़ित डॉ. कफील से भी उनकी मुलाकात हुई थी. हर सताए हुए वर्ग के साथ प्रियंका गांधी खड़ी हैं.

सपा प्रदेश प्रवक्ता मनोज सिंह.

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने भी डॉ. कफील बर्खास्तगी पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि कि योगी सरकार ने डॉक्टर कफील जैसे मानवतावादी डॉक्टर को बर्खास्त किया है. उन पर सरकार ने जितनी बार मुकदमे लगाए, रासुका लगाया. उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज किया. सरकार ने जानबूझकर गलत फैसला लिया है. एक व्यक्ति ने मानवता की सेवा की है. पूरे देश में घूम घूमकर सेवा की. 63 बच्चों की जान योगी सरकार के ऑक्सीजन की सप्लाई न देने पर चली गई. उसमें डॉक्टर कफील का कहां दोष है? प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा आलोक कुमार स्वयं एक भ्रष्ट अफसर हैं. उसने स्वयं डॉ. कफील को बर्खास्त किया. सरकार से लोग जानना चाहते हैं कि क्या मानव सेवा करना, क्या अपने उसूलों पर काम करना गुनाह है? एक व्यक्ति को एक धर्म संप्रदाय का होने के कारण उसको दूसरे दृष्टिकोण से परेशान किया जा रहा है. कब तक इस तरह चलेगा? लोगों के साथ इस तरह दोहरा व्यवहार किया जा रहा है, यह कतई स्वीकार नहीं है. समाजवादी पार्टी इसकी निंदा करती है.

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लखनऊ: गोरखपुर के बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. मोम्मद कफील को बर्खास्त करने के बाद सियासत गरमा गई है. जहां भारतीय जनता पार्टी ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन का समर्थन किया है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने डॉ. कफील की बर्खास्तगी पर सवाल खड़े किए हैं और इसे सरकार की शह पर हुई कार्रवाई बताया है.

भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता की प्रतक्रिया.

भाजपा की ओर से स्पष्ट किया गया है कि डॉ. कफील ने सेवा में रहते हुए न केवल अपने काम में लापरवाही की बल्कि राजनैतिक बयानबाजी में जुटे रहे. उन पर विभागीय आरोप सिद्ध हुए हैं, इसलिए ही यह एक्शन लिया गया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. कफील पर पूरी विभागीय कार्रवाई की गई है. उन पर आरोप सिद्ध हुए हैं. जिसके बाद में यह एक्शन हुआ है. राकेश त्रिपाठी ने कहा कि न केवल डॉ. कफील ने अपने काम में लापरवाही की है बल्कि उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी भी की है. जिसका सही परिणाम उनको मिल रहा है. भाजपा उन पर किये गए एक्शन का समर्थन करती है.

वहीं, कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता रफत फातिमा का कहना है कि कहीं न कहीं डॉ कफील के साथ अन्याय हो रहा है. जिस तरीके से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में वह घटना घटी थी, अगर देखा जाए तो उसमें वे एक मसीहा का काम कर रहे थे. उन्होंने बच्चों को ऑक्सीजन मुहैया कराई थी. ये सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है औ र मजलूमों को सता रही है. कहीं न कहीं यह सरकार की शह पर यह कार्रवाई हुई है.

रफत फातिमा ने कहा कि अभी कासगंज की घटना सामने देखिए, जिस तरह बच्चे की पुलिस हिरासत में मौत हुई और बताया जा रहा है खुदकुशी की है. भला कोई ऐसे भी खुदकुशी कर सकता है. इसके पीछे कोई न कोई वजह है. पूरी तरह से सरकार ने अपराधियों को संरक्षण दिया है और मजलूमों को सताया है. इसी तरह लखीमपुर की घटना में मंत्री को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है. जबकि सरकार कह रही कि अपराधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सामने सब कुछ नजर आ रहा है. 2022 में भाजपा जरूर भुगतेगी.

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प्रियंका गांधी की डॉ. कफील से पूर्व में हुई मुलाकात की बात पर रफत फातिमा ने कहा कि कांग्रेस सबके साथ खड़ी है. कांग्रेस हर उस व्यक्ति के साथ खड़ी है, जिसे भी सताया जा रहा है. प्रियंका गांधी हर वर्ग के साथ खड़ी रहती हैं. प्रियंका गांधी सबसे मिल रही हैं. यही वजह है कि पीड़ित डॉ. कफील से भी उनकी मुलाकात हुई थी. हर सताए हुए वर्ग के साथ प्रियंका गांधी खड़ी हैं.

सपा प्रदेश प्रवक्ता मनोज सिंह.

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने भी डॉ. कफील बर्खास्तगी पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि कि योगी सरकार ने डॉक्टर कफील जैसे मानवतावादी डॉक्टर को बर्खास्त किया है. उन पर सरकार ने जितनी बार मुकदमे लगाए, रासुका लगाया. उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज किया. सरकार ने जानबूझकर गलत फैसला लिया है. एक व्यक्ति ने मानवता की सेवा की है. पूरे देश में घूम घूमकर सेवा की. 63 बच्चों की जान योगी सरकार के ऑक्सीजन की सप्लाई न देने पर चली गई. उसमें डॉक्टर कफील का कहां दोष है? प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा आलोक कुमार स्वयं एक भ्रष्ट अफसर हैं. उसने स्वयं डॉ. कफील को बर्खास्त किया. सरकार से लोग जानना चाहते हैं कि क्या मानव सेवा करना, क्या अपने उसूलों पर काम करना गुनाह है? एक व्यक्ति को एक धर्म संप्रदाय का होने के कारण उसको दूसरे दृष्टिकोण से परेशान किया जा रहा है. कब तक इस तरह चलेगा? लोगों के साथ इस तरह दोहरा व्यवहार किया जा रहा है, यह कतई स्वीकार नहीं है. समाजवादी पार्टी इसकी निंदा करती है.

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Last Updated : Nov 11, 2021, 5:34 PM IST
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