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किन्नरों को पहचान पत्र दिलाने के लिए प्रदेश में युद्धस्तर पर चलाया जा रहा अभियान

उत्तर प्रदेश में हर जाति, वर्ग, तबके को समान अधिकार दिलाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की मुहिम रंग ला रही है. इसके तहत ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को पहली बार पहचान पत्र दिए जाने की शुरुआत हुई है. प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है.

किन्नरों को पहचान पत्र
किन्नरों को पहचान पत्र
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Published : Sep 22, 2022, 7:47 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हर जाति, वर्ग, तबके को समान अधिकार दिलाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की मुहिम रंग ला रही है. इसके तहत ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को पहली बार पहचान पत्र दिए जाने की शुरुआत हुई है. प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है, जिसमें 63 को पहचान पत्र जारी कर दिया गया है और 186 का पहचान पत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. यहीं नहीं, प्रदेश के हर जिले में ट्रांसजेंडर के दो प्रतिनिधियों को पहचान प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सम्मिलित कर समिति का गठन किया गया था, जिनके माध्यम से संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट पहचान प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ट्रांसजेडर के पहचान पत्र के लिए पोर्टल (https:\\transgender.dosje.gov.in) बनाया था, जिस पर उत्तर प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने आवेदन पत्र भरा है.


दरअसल, प्रदेश सरकार ने पहले ही किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण कर रहे हैं. किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर हैं. साल 2020 में केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर नियम के प्रावधानों के अंतर्गत ट्रांसजेंडर के पहचान प्रमाण पत्र जारी किया था. इसके बाद अन्य राज्यों में भी इसकी शुरुआत हुई. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में अब यह मुहिम तेजी से शुरू की गई है. इसके लिए प्रत्येक जिले में मिशन मोड पर काम किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : लंपी बीमारी पर ध्यान दे सरकार, किसानों के बकाया का तत्काल करे भुगतान: मायावती

इस दौरान किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने बताया कि जिला स्तर पर कैंप लगाकर पोर्टल पर अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जा रहा है, जो लोग पंजीकरण करवाने में असमर्थ हैं, उनका भी पंजीकरण घर-घर जाकर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय की कॉलोनियों में रहने के स्थान को चिन्हित किया गया है. वहां रहने वाले बीपीएल श्रेणी के किन्नरों को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. इस पहचान पत्र के जरिए ट्रांसजेंडरों को कई फायदे मिलेंगे. उन्हें शिक्षित करने के लिए विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा.‌ इनकी सुरक्षा के लिए हर थाने में एक सुरक्षा सेल भी बनाया जाएगा, जहां पर उनकी शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा. इस पहचान पत्र से ट्रांसजेंडर बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी और प्रत्येक अस्पताल में ट्रांसजेंडरों के लिए पांच बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड भी उपलब्ध कराया जा रहा है. यहीं नहीं सार्वजनिक स्थानों पर उनके लिए शौचालय की व्यवस्था की जा रही है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हर जाति, वर्ग, तबके को समान अधिकार दिलाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की मुहिम रंग ला रही है. इसके तहत ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को पहली बार पहचान पत्र दिए जाने की शुरुआत हुई है. प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है, जिसमें 63 को पहचान पत्र जारी कर दिया गया है और 186 का पहचान पत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. यहीं नहीं, प्रदेश के हर जिले में ट्रांसजेंडर के दो प्रतिनिधियों को पहचान प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सम्मिलित कर समिति का गठन किया गया था, जिनके माध्यम से संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट पहचान प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ट्रांसजेडर के पहचान पत्र के लिए पोर्टल (https:\\transgender.dosje.gov.in) बनाया था, जिस पर उत्तर प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने आवेदन पत्र भरा है.


दरअसल, प्रदेश सरकार ने पहले ही किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण कर रहे हैं. किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर हैं. साल 2020 में केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर नियम के प्रावधानों के अंतर्गत ट्रांसजेंडर के पहचान प्रमाण पत्र जारी किया था. इसके बाद अन्य राज्यों में भी इसकी शुरुआत हुई. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में अब यह मुहिम तेजी से शुरू की गई है. इसके लिए प्रत्येक जिले में मिशन मोड पर काम किया जा रहा है.

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इस दौरान किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने बताया कि जिला स्तर पर कैंप लगाकर पोर्टल पर अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जा रहा है, जो लोग पंजीकरण करवाने में असमर्थ हैं, उनका भी पंजीकरण घर-घर जाकर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय की कॉलोनियों में रहने के स्थान को चिन्हित किया गया है. वहां रहने वाले बीपीएल श्रेणी के किन्नरों को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. इस पहचान पत्र के जरिए ट्रांसजेंडरों को कई फायदे मिलेंगे. उन्हें शिक्षित करने के लिए विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा.‌ इनकी सुरक्षा के लिए हर थाने में एक सुरक्षा सेल भी बनाया जाएगा, जहां पर उनकी शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा. इस पहचान पत्र से ट्रांसजेंडर बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी और प्रत्येक अस्पताल में ट्रांसजेंडरों के लिए पांच बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड भी उपलब्ध कराया जा रहा है. यहीं नहीं सार्वजनिक स्थानों पर उनके लिए शौचालय की व्यवस्था की जा रही है.

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