लखनऊ: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत से मिलने पहुंचे. वह कैंपस में बने डॉ. रविकांत के आवास पर पहुंचे थे. आर्मी चीफ के विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचने को लेकर छात्रों ने काफी विरोध किया. इस दौरान चंद्रशेखर आजाद के समर्थकों और छात्रों के बीच तकरार भी हुई.
लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.रविकांत(Dr. Ravikant, Associate Professor, Department of Hindi, Lucknow University) की तरफ से बीते दिनों काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) को लेकर टिप्पणी की गई थी. इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा. डॉ रविकांत के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किए गए. इस विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का नाम सामने आया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और विश्वविद्यालय के एक छात्र की तरफ से इस पूरे प्रकरण को लेकर डॉ रविकांत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. इस घटना के कुछ दिन बाद ही डॉ रविकांत के साथ हाथापाई का मामला भी सामने आया है. मामला सामने आने के बाद चंद्रशेखर आजाद ने डॉ. रविकांत के समर्थन में लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंचने की घोषणा की थी.
कई दिनों से हो रहा था विरोध
भीम आर्मी चीफ के लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में आने को लेकर काफी समय से विरोध चल रहा था. छात्रों की तरफ से उन्हें परिसर में न घुसने देने के संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा गया था. गुरुवार को सुबह से ही विश्वविद्यालय परिसर में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया. उधर, चंद्रशेखर आजाद के समर्थक भी कैंपस के बाहर जगह-जगह इकट्ठा होने लगे थे.
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उनके साथ मौजूद कुछ समर्थकों और महमूदाबाद छात्रावास के छात्रों के बीच कहासुनी भी हो गई. इस दौरान मौजूद सुरक्षा बल के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय में सुबह करीब 11:00 बजे पहुंचे. भीम आर्मी चीफ डॉ रविकांत के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. सुरक्षा के मद्देनजर पहले ही वहां पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किया गया था. इसलिए कहीं कोई शिकायत सामने नहीं आई.
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