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शोपीस बने राजधानी की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे - यूपी न्यूज

लखनऊ के 70 चौराहे पर दृष्टि योजना के तहत 280 कैमरे लगाए गए थे, लेकिन आज इन चौराहों पर लगे करीब 280 कैमरे शोपीस बन गए हैं.

लखनऊ
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Published : Mar 2, 2019, 11:59 PM IST

लखनऊ: पुलिस आधुनिकीकरण के तहत शुरू की गई स्मार्ट सिटी सर्विलेंस सिस्टम के तहत राजधानी लखनऊ के चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जो बस शोपीस बनकर रह गए हैं. लखनऊ की सड़कों पर दिखाई पड़ने वाले कैमरों का रख-रखाव न होने के कारण अब यह लोगों को तो दिखाई पड़ते हैं, पर ये कैमरे खुद कुछ नहीं देखते.

जानाकारी देते एसपी ट्रैफिक और ईटीवी संवाददाता.

भारत सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण के नाम पर सीसीटीएनएस जैसी तमाम योजनाओं की शुरूआत की. सीसीटीएनएस की इसी योजना के तहत शहर के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी से निगरानी करने की भी योजना शुरू हुई. लखनऊ के 70 चौराहे पर दृष्टि योजना के तहत 280 कैमरे लगाए गए थे, लेकिन आज इन चौराहों पर लगे करीब 280 कैमरे शोपीस बन गए हैं.

जिस महिंद्रा डिफेंस कंपनी को इन कैमरों के रख-रखाव का जिम्मा मिला था, उसने रख-रखाव से पल्ला झाड़ लिया है. लिहाजा यह कैमरे शोपीस बन गए हैं. वहीं भारत सरकार की ही दूसरी योजना इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम योजना यानी आईटीएमएस के तहत 25 स्थानों पर 78 कैमरे एक निजी मोबाइल कंपनी ने लगाएं हैं. हालांकि इन कैमरों से लाइव तस्वीरें तो देखी जा सकती हैं, लेकिन इनकी फुटेज की रिकॉर्डिंग की व्यवस्था नहीं है.

वहीं इस मामले में जिम्मेदार अफसर कहते हैं कि रख-रखाव करने वाली कंपनी के पीछे हटने के बाद नई कंपनी को काम मिल गया है और नई कंपनी टेकयोन इन सीसीटीवी कैमरों के रख-रखाव को जल्द शुरू करेगी.

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लखनऊ: पुलिस आधुनिकीकरण के तहत शुरू की गई स्मार्ट सिटी सर्विलेंस सिस्टम के तहत राजधानी लखनऊ के चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जो बस शोपीस बनकर रह गए हैं. लखनऊ की सड़कों पर दिखाई पड़ने वाले कैमरों का रख-रखाव न होने के कारण अब यह लोगों को तो दिखाई पड़ते हैं, पर ये कैमरे खुद कुछ नहीं देखते.

जानाकारी देते एसपी ट्रैफिक और ईटीवी संवाददाता.

भारत सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण के नाम पर सीसीटीएनएस जैसी तमाम योजनाओं की शुरूआत की. सीसीटीएनएस की इसी योजना के तहत शहर के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी से निगरानी करने की भी योजना शुरू हुई. लखनऊ के 70 चौराहे पर दृष्टि योजना के तहत 280 कैमरे लगाए गए थे, लेकिन आज इन चौराहों पर लगे करीब 280 कैमरे शोपीस बन गए हैं.

जिस महिंद्रा डिफेंस कंपनी को इन कैमरों के रख-रखाव का जिम्मा मिला था, उसने रख-रखाव से पल्ला झाड़ लिया है. लिहाजा यह कैमरे शोपीस बन गए हैं. वहीं भारत सरकार की ही दूसरी योजना इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम योजना यानी आईटीएमएस के तहत 25 स्थानों पर 78 कैमरे एक निजी मोबाइल कंपनी ने लगाएं हैं. हालांकि इन कैमरों से लाइव तस्वीरें तो देखी जा सकती हैं, लेकिन इनकी फुटेज की रिकॉर्डिंग की व्यवस्था नहीं है.

वहीं इस मामले में जिम्मेदार अफसर कहते हैं कि रख-रखाव करने वाली कंपनी के पीछे हटने के बाद नई कंपनी को काम मिल गया है और नई कंपनी टेकयोन इन सीसीटीवी कैमरों के रख-रखाव को जल्द शुरू करेगी.

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Intro: पुलिस आधुनिकीकरण के तहत शुरु की गई स्मार्ट सिटी सर्विलेंस सिस्टम के तहत राजधानी लखनऊ के चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे वह शोपीस बनकर रह गए हैं। लखनऊ की सड़कों पर दिखाई पड़ने वाले कैमरे रखरखाव ना होने के कारण ये कैमरे लोगो को तो दिखाई पड़ते हैं पर ये कैमरे खुद कुछ नही देखते।


Body:भारत सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण के नाम पर सीसीटीएनएस जैसी तमाम योजनाओं की शुरूआत की। सीसीटीएनएस की इसी योजना के तहत शहर के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी से निगरानी करने की भी योजना शुरू हुई।
लखनऊ के 70 चौराहे पर दृष्टि योजना के तहत 280 कैमरे लगाए गए।
लेकिन आज राजधानी के 70 चौराहों पर लगाए गए 280 कैमरे शोपीस बन गए हैं। जी हां भारत सरकार की स्मार्ट सिटी सर्विलेंस सिस्टम योजना के तहत लगाए गए यह कैमरे अब काम नहीं करते हैं। जिस महिंद्रा डिफेंस कंपनी को इन कैमरों के रखरखाव का जिम्मा मिला था उसने रखरखाव से पल्ला झाड़ लिया, लिहाजा यह कैमरे शोपीस बन गए। हालांकि भारत सरकार की ही दूसरी योजना इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम योजना यानी आईटीएमएस के तहत 25 स्थानों पर 78 कैमरे एक निजी मोबाइल कंपनी ने जरूर लगाएं हैं लेकिन इन कैमरों से लाइव तस्वीरें तो देखी जा सकती हैं लेकिन इनकी फुटेज की रिकॉर्डिंग की व्यवस्था नहीं है।
हालांकि जिम्मेदार अफसर कहते हैं कि रखरखाव करने वाली कंपनी के पीछे हटने के बाद नई कंपनी को काम मिल गया है और नई कंपनी टेकयोन, इन सीसीटीवी कैमरों के रखरखाव को जल्द शुरू करेगी।

बाइट.... राकेश शंकर निम.... एसपी ट्रैफिक

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santosh kumar 9305275733


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