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फर्जी पासपोर्ट मामला : अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के मामले में सीबीआई की अंतिम बहस पूरी

12 मार्च, 1993 को मुंबई में श्रृखंलाबद्ध बम विस्फोट के बाद अबु सलेम भारत से भाग गया था. विवेचना के दौरान इस फर्जी पासपोर्ट मामले का खुलासा हुआ. 16 अक्टूबर, 1997 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की.

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Published : Aug 4, 2022, 10:36 PM IST

लखनऊ : सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाने के अभियुक्त अबू सलेम के मामले में बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस के लिए पांच अगस्त की तिथि नियत की है. गुरुवार को इस मामले में सीबीआई की ओर से अपनी अंतिम बहस पूरी की गई. इस मामले में परवेज आलम भी अभियुक्त है.

बीते 21 जुलाई को विशेष अदालत के समक्ष अबू सलेम नवी मुंबई की तलोजा जेल से व्यक्तिगत रुप से पेश हुआ था. इसे महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में लाया गया था. अबू सलेम ने इस मामले में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था.

यह था मामला : 12 मार्च, 1993 को मुंबई में श्रृखंलाबद्ध बम विस्फोट के बाद अबु सलेम भारत से भाग गया था. विवेचना के दौरान इस फर्जी पासपोर्ट मामले का खुलासा हुआ. 16 अक्टूबर, 1997 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. सीबीआई के मुताबिक छह जुलाई, 1993 को अबु सलेम ने अपना व अपनी कथित पत्नी समीरा जुमानी का कूटरचित दस्तावजों के आधार पर फर्जी नाम से मुल्जिम परवेज आलम के जरिए पासपोर्ट बनवाया था.

यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

अबु सलेम का अकील अहमद आजमी, जबकि समीरा जुमानी का सबीना आजमी के नाम से पासपोर्ट बना था. 29 जून, 1993 को आजमगढ़ में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था.

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लखनऊ : सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाने के अभियुक्त अबू सलेम के मामले में बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस के लिए पांच अगस्त की तिथि नियत की है. गुरुवार को इस मामले में सीबीआई की ओर से अपनी अंतिम बहस पूरी की गई. इस मामले में परवेज आलम भी अभियुक्त है.

बीते 21 जुलाई को विशेष अदालत के समक्ष अबू सलेम नवी मुंबई की तलोजा जेल से व्यक्तिगत रुप से पेश हुआ था. इसे महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में लाया गया था. अबू सलेम ने इस मामले में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था.

यह था मामला : 12 मार्च, 1993 को मुंबई में श्रृखंलाबद्ध बम विस्फोट के बाद अबु सलेम भारत से भाग गया था. विवेचना के दौरान इस फर्जी पासपोर्ट मामले का खुलासा हुआ. 16 अक्टूबर, 1997 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. सीबीआई के मुताबिक छह जुलाई, 1993 को अबु सलेम ने अपना व अपनी कथित पत्नी समीरा जुमानी का कूटरचित दस्तावजों के आधार पर फर्जी नाम से मुल्जिम परवेज आलम के जरिए पासपोर्ट बनवाया था.

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अबु सलेम का अकील अहमद आजमी, जबकि समीरा जुमानी का सबीना आजमी के नाम से पासपोर्ट बना था. 29 जून, 1993 को आजमगढ़ में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था.

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