लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य और उनके पिता पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दाखिल मुकदमे की अर्जी पर पीजीआई थाने से आख्या तलब की है. यह अर्जी दीपक कुमार स्वर्णकार ने दाखिल की. इस अर्जी में संघमित्रा मौर्य की मां शिवा मौर्य और भाई उत्कृष्ट मौर्य समेत तीन अन्य को भी विपक्षी पक्षकार बनाया गया.
वादी ने अपनी अर्जी में विपक्षीगणों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में संघमित्रा मौर्य की ओर से झूठी जानकारी दिए जाने का आरोप लगाया. विशेष अदालत में दाखिल उनकी इस अर्जी पर वकील रोहित कुमार त्रिपाठी और राजेश कुमार तिवारी बहस की. इस अर्जी में सभी विपक्षीगणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई. मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी.
इसी शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी याचिका दाखिल कर दावा किया था कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले ही उसने और भाजपा सांसद ने बौद्ध प्रथा से विवाह कर लिया था. हालांकि दोनों के बीच शादी का खुलासा चुनाव के बाद करने की सहमति बनी थी.
आरोप है कि चुनाव के बाद जब उसने पति के रूप में सामाजिक मान्यता की बात कही, तो भाजपा सांसद का बर्ताव बदल गया. याची का हाईकोर्ट में कहना था कि अब वह इंदिरा नगर में अलग रहता है. उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां मिल रही हैं. मांग की गई थी कि गाजीपुर थाने की पुलिस को याची का उत्पीड़न करने से रोका जाए.
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