लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सोमवार को वोटर आईडी कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने का महा अभियान शुरू किया गया. लखनऊ विश्वविद्यालय के राधाकमल मुखर्जी सभागार में इसे राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से शुरू किया गया.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश सरकार अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष में चार बार अर्थात 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई एवं 1 अक्टूबर के अहर्ता के आधार पर हर व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में पंजीकृत किए जाएंगे. निर्वाचक नामावली में शामिल सभी मतदाताओं के लिए आवेदन पत्र फॉर्म- 6बी के द्वारा आधार नंबर एकत्र किए जाने के लिए बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा घर-घर भ्रमण किया जाना है. इसके अलावा 07 और 21 अगस्त को विशेष कैंप प्रत्येक मतदेय स्थल पर आयोजित किया जाएगा.
मुख्य कुलानुशासक प्रो.राकेश द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय निर्वाचन आयोग के साथ सदैव मिलकर मतदाता जागरूकता अभियान में हिस्सा लेता रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय सेवा योजना ने मतदाताओं को जागरूक करने में सदैव अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है. आज आधार कार्ड से मतदाता सूची पत्र को जोड़ने के महाअभियान की शुरुआत लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रांगण से हो रही है.
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी केशव कुमार ने बताया कि मतदाताओं द्वारा आधार नंबर उपलब्ध कराना पूर्णता स्वैच्छिक है. आधार नंबर उपलब्ध न कराने पर भी मतदाता सूची से आपका नाम नहीं काटा जाएगा. किसी भी स्थिति में आपके आधार नंबर की गोपनीयता को ध्यान रखते हुए इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि किस प्रकार आधार से मतदाता सूची को लिंक करने के पश्चात मतदाताओं की पुनरावृति को रोकने में सहायता मिलेगी.
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कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रूपेश कुमार, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ ओ.पी. शुक्ला, डॉ. मोहिनी गौतम, महाविद्यालयों से आए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एवं लगभग 260 स्वयं सेवकों ने हिस्सा लिया.
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