लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर योगी सरकार में मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह की ताजपोशी की गई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भूपेंद्र सिंह को यूपी भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है. चौधरी भूपेंद्र सिंह अभी तक योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री के रूप में काम कर रहे थे. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अब वह अपना काम करेंगे.
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने जाट बिरादरी को साधने और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटलैंड को पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने को लेकर यह बड़ा दांव चला है. लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने जाट बिरादरी से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को यह बड़ी जिम्मेदारी दी है मूल रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भूपेंद्र सिंह चौधरी बीजेपी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. वह अभी विधान परिषद सदस्य के साथ-साथ योगी सरकार ने पंचायती राज मंत्री भी हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष घोषित होने के साथ ही वह अब अपना त्याग-पत्र उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजेंगे.
चौधरी भूपेंद्र सिंह मुरादाबाद की कांठ तहसील के गांव महेंद्री सिकंदरपुर के रहने वाले हैं. तीन जून 1967 को जन्मे भूपेंद्र चौधरी किसान के बेटे हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल से हुई. 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने आरएन इंटर काॅलेज से की. इसके बाद बीए प्रथम वर्ष हिंदू काॅलेज मुरादाबाद से किया. राम मंदिर आंदोलन के दौरान 1989-90 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और कई बार जेल भी गए. 1993 में भाजपा जिला कार्य समिति में सदस्य बनाए गए.
1994 में जिला कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष बने और फिर 1995 में जिला महामंत्री बनाए गए. 1996 से 2000 तक भाजपा जिलाध्यक्ष का कार्यभार संभाला. 1999 में लोकसभा चुनाव में सम्भल से भारतीय जनता पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के मुकाबले अपना प्रत्याशी बनाया. एक लाख 57 हजार वोट प्राप्त कर वह दूसरे नंबर पर रहे. वर्ष 2000 में क्षेत्रीय विभाग संयोजक बनाए गए. 2007 में क्षेत्रीय मंत्री भाजपा बनाए जाने के बाद 2010 तक जिम्मेदारी निभाई.
इस दौरान 2009 में उन्हें मुरादाबाद पश्चिम से उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बनाया. इसमें भी वह दूसरे नंबर पर रहे. 2010 में पार्टी ने संगठन की बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया. इसके साथ ही 2016 में उन्हें विधान परिषद भेजा गया. छह जुलाई को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है. उनके नेतृत्व में पार्टी ने 2017 के चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया.
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इसके फलस्वरूप 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर पंचायती राज मंत्री बनाए गए. 2019 में पदोन्नति पाकर इसी विभाग के कैबिनेट मंत्री बने. 2022 में फिर से सरकार बनने पर उन्हें पंचायती राज मंत्रालय की दोबारा जिम्मेदारी सौंपी गई. अब 13 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव में उन्हें भी प्रत्याशी बनाया गया है.
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