लखनऊ : राजधानी के बाजारों में धड़ल्ले से प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है. किराने की दुकान से लेकर बाजार की सब्जी मंडी तक ग्राहकों को प्रतिबंधित प्लास्टिक में सामान दिया जा रहा है. प्लास्टिक पर प्रदेश सरकार ने अनेकों बार प्रतिबंध के साथ साथ जुर्माना भी लगाया है, बावजूद इसके कंपनियां प्लास्टिक बना रही हैं. वहीं दुकानदार इसे खरीदकर ग्राहकों को सामान बेचने में इस्तेमाल कर रहे हैं. सरकार के बैन करने के बावजूद राजधानी में ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर जिले में आपको बाजारों में प्लास्टिक इस्तेमाल होते हुए दिखाई दे जाएगी.
आलमबाग सब्जी मंडी में दुकानदार बेधड़क प्लास्टिक में सब्जी बेचते दिखाई दिए. इस दौरान जब ईटीवी भारत ने सब्जी बेच रहे दुकानदारों से बातचीत की तो उनका कहना है कि सरकार इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करे क्योंकि अगर प्लास्टिक मार्केट में बिकती रहेगी तो दुकानदार इसे खरीदेगा. दुकानदारों ने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि हमारे यहां जो ग्राहक आते हैं, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो, कितना भी पढ़ा लिखा क्यों न हो, लेकिन अगर हम ग्राहक को प्लास्टिक में सामान न दें तो वह हमारा सामान नहीं खरीदता है और बिना सामान खरीदे चला जाता है. इस स्थिति में हमारा सामान बिक नहीं पाता है. वहीं कुछ ग्राहकों ने कहा कि वह इधर से गुजर रहे थे तो सोचा सब्जी लेते चलें इसलिए साथ में झोला लेकर नहीं आए हैं. सब्जी देखा तो सोचा खरीद लें. अगर सब्जी खरीदने के मकसद से आते तो झोला साथ में लेकर आते.
पर्यावरणविद वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार ने बीती एक जुलाई से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था. सरकार ने यह कदम प्रदूषण से निपटने के लिए उठाया है. प्रदेश में प्लास्टिक ‘वेस्ट पॉल्यूशन’ का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है. अनुमान के मुताबिक देश में हर साल करीब 14 मिलियन टन प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर कचरा फैल जाता है. प्लास्टिक लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होती है. इससे लोग कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. प्लास्टिक का यूज हेल्थ के लिए बहुत नुकसानदायक होता है.
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक हमारी हेल्थ को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरीकों से प्रभावित करती है. प्लास्टिक सदियों तक डीकंपोज नहीं होती है और इससे वॉटर पॉल्यूशन, एयर पॉल्यूशन होता है. इसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का शिकार होना पड़ता है. बड़ी मात्रा में प्लास्टिक समुद्र में पहुंच जाती है और समुद्र के जीव जंतु प्लास्टिक निगल लेते हैं. समुद्र से निकाली गई मछलियों और अन्य सीफूड को खाने से प्लास्टिक के टुकड़े इंसानों के पेट तक पहुंच सकते हैं और आंतों में ब्लॉकेज पैदा कर सकते हैं.
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इस दौरान उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन करना होगा. तभी इसका उपयोग भी बंद होगा. अगर कंपनियां इसी तरह से प्लास्टिक बनाती रहीं तो आम पब्लिक भी इसे इस्तेमाल करती रहेगी. ऐसे में सरकार को प्लास्टिक बनाने वाली कंपनियों को रोकना होगा और साथ ही इसमें आम पब्लिक को भी अपना सहयोग देना होगा. अगर आप कहीं किराना की दुकान या सब्जी लेने के लिए जाते हैं तो अपना झोला साथ लेकर जाएं. आपको स्वयं दुकानदार को प्लास्टिक में सामान देने के लिए मना करना होगा. जब ग्राहक इतना जागरूक हो जाएगा, उस दिन से प्लास्टिक का इस्तेमाल भी धीरे-धीरे कम हो जाएगा.
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