लखनऊ: आयुष्मान योजना के लागातार सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है. ऐसे में मरीज अब सरकारी अस्पतालों में मुफ्त घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण भी करा सकते हैं. यही नहीं भर्ती मरीज की जांच और दवाओं का भुगतान भी अस्पताल प्रशासन करेगा. इसका आदेश जारी कर दिया गया है.
1.18 करोड़ परिवार हैं लाभार्थी
यूपी में 1.18 करोड़ परिवार आयुष्मान योजना से जुड़े हैं. इन परिवारों में करीब छह करोड़ सदस्य हैं. योजना के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख तक का इलाज मुफ्त है. योजनाओं की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी स्टेट हेल्थ एजेंसी (state health agency) के पास है.
संयुक्त सचिव अजीज अहमद (Joint Secretary Aziz Ahmed) ने 28 मार्च को स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों को आदेश जारी किया. इसमें सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों का सम्पूर्ण इलाज मुफ्त करने के निर्देश दिए हैं. मरीज की इलाज में आवश्यक दवाएं, जांच, कंज्यूमेबल्स आइटम जो अस्पताल में मौजूद नहीं हैं, उन्हें बाहर से मंगवाया जाए. इसका भी भुगतान अस्पताल प्रशासन करेगा. आयुष्मान योजना में हुए खर्च का क्लेम सरकार अस्पताल को देगी. इसके लिए हर अस्पताल का अपना अलग खाता होगा. वहीं, इम्प्लांट भी मरीज के लिए खरीदे जाएंगे.
. आयुष्मान में किडनी ट्रांसप्लांट जोड़ने पर मंथन आयुष्मान में अभी करीब 1574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने किडनी और कार्नियल ट्रांसप्लांट जोड़ने के निर्देश दिए हैं.
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क्लेम को अस्पताल कैसे कर सकते खर्च
. 40 फीसद : दवाओं, इम्प्लांट, कंज्यूमेबल्स,पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी की जांचों के लिए
. 20 फीसद : अस्पताल में रोगी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए
. 15 फीसद : योजना के लिए आवश्यक मानव संसाधन के मानदेय के लिए
. 15 फीसद : उपचार से सम्बंधित आशा व अन्य स्टाफ को प्रोत्साहन राशि के लिए
. 10 फीसद : योजना से संबंधित प्रशासनिक व्यय के लिए
आयुष्मान योजना
. 23 सितम्बर 2018 में यूपी में शुरू हुई
. 1004 सरकारी अस्पताल योजना से जुड़े
. 1504 निजी अस्पताल योजना में शामिल
. 1 लाख 26 हजार बेड आयुष्मान अस्पतालों में
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