ETV Bharat / city

20 डिफाल्टर नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों पर गिरी गाज, रोके गये दाखिले

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मानक विहीन 20 नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों पर गाज गिरा दी है. सख्त कार्रवाई करते हुए कम शिक्षकों वाले नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों के शैक्षणिक वर्ष 2022-23 का प्रवेश रोक दिया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
author img

By

Published : Jul 12, 2022, 10:42 PM IST

लखनऊ : गुणवत्तापरक शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का असर दिखने लगा है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मानक विहीन 20 नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों पर गाज गिरा दी है. सख्त कार्रवाई करते हुए कम शिक्षकों वाले नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों के शैक्षणिक वर्ष 2022-23 का प्रवेश रोक दिया गया है. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है.

प्रशिक्षण केंद्रों में शिक्षा की गुणवत्ता के पड़ताल के लिए तकनीकी का इस्तेमाल किया गया और टेलीफोनिक सत्यापन के पहले दौर की जांच में 161 नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों (डिप्लोमा स्तर पर) में अनिवार्य संकाय छात्र अनुपात का 50 फीसदी से कम मिला. यूपी राज्य चिकित्सा संकाय (यूपीएसएमएफ) की ओर से इन प्रशिक्षण केंद्रों को नोटिस भेजे गए. इसके बाद 32 ऐसे केंद्रों की पहचान की गई, जिन्होंने यूपीएसएमएफ के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया था और अनिवार्य बायोमेट्रिक उपस्थिति भेजना भी शुरू नहीं किया था. इसके बाद ई सत्यापन किया गया. जहां इन 32 केंद्रों पर वीडियो कॉल के माध्यम से हर ट्यूटर की उनके पंजीकरण दस्तावेजों के साथ उनके आधार कार्ड का उपयोग करके पहचान की गई. ई-सत्यापन में ही पांच केंद्रों ने हिस्सा नहीं लिया. छह के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले सामने आए और नौ सत्यापित संकाय के 40 फीसदी बेंचमार्क को भी पूरा करने में असमर्थ थे. सबसे ज्यादा कमियां जेपी नगर और मथुरा केंद्र में मिलीं. दोनों जिलों में ही 3-3 केंद्र नियमों का पालन नहीं कर रहे थे.

इस बारे में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा के हब बनाने के प्रयास में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सरकार निर्धारित मानदंडों के गैर अनुपालन में किसी भी संस्था के प्रति कोई रियायत नहीं दिखाएगी. आने वाले समय में भी ऐसी सख्त कार्रवाई होती रहेगी.

इन केंद्रों दाखिले रोके गए

आगरा - देव एजुकेशन कॉलेज
अयोध्या - चिरंजीव नर्सिंग संस्थान
अयोध्या - झुनझुनवाला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस
आजमगढ़ - अखिल भारतीय बाल देखभाल एवं शैक्षिक विकास समिति
आजमगढ़ - श्री बाबा सदावरम पैरामेडिकल एंड नर्सिंग कॉलेज
बरेली - क्लारा स्वैन हॉस्पिटल
गौतमबुद्ध नगर - एनआईएमटी अस्पताल
गोंडा - मां गायत्री इंस्टीट्यूट ऑफ़ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेस
हापुड़ - उपकार स्कूल ऑफ नर्सिंग
अमरोहा - भारतीय नर्सिंग कॉलेज
अमरोहा - गंगोत्री स्कूल ऑफ नर्सिंग, जेपी नगर
अमरोहा - संजीवनी नर्सिंग कॉलेज
जौनपुर - राय केबी सिंह नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज
लखनऊ - करियर कॉलेज ऑफ नर्सिंग
लखनऊ - मेयो मेडिकल सेंटर
मथुरा - लाइफ लाइन स्कूल ऑफ नर्सिंग
मथुरा - एसएम नर्सिंग कॉलेज
ये भी पढ़ें : प्रदेश में मंगलवार को मिले 363 नए संक्रमित मरीज, एक की मौत

मथुरा - एसआरसी नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थान
प्रतापगढ़ - रूमा इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस
वाराणसी - डॉ. विजय कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड मेडिकल

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : गुणवत्तापरक शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का असर दिखने लगा है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मानक विहीन 20 नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों पर गाज गिरा दी है. सख्त कार्रवाई करते हुए कम शिक्षकों वाले नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों के शैक्षणिक वर्ष 2022-23 का प्रवेश रोक दिया गया है. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है.

प्रशिक्षण केंद्रों में शिक्षा की गुणवत्ता के पड़ताल के लिए तकनीकी का इस्तेमाल किया गया और टेलीफोनिक सत्यापन के पहले दौर की जांच में 161 नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों (डिप्लोमा स्तर पर) में अनिवार्य संकाय छात्र अनुपात का 50 फीसदी से कम मिला. यूपी राज्य चिकित्सा संकाय (यूपीएसएमएफ) की ओर से इन प्रशिक्षण केंद्रों को नोटिस भेजे गए. इसके बाद 32 ऐसे केंद्रों की पहचान की गई, जिन्होंने यूपीएसएमएफ के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया था और अनिवार्य बायोमेट्रिक उपस्थिति भेजना भी शुरू नहीं किया था. इसके बाद ई सत्यापन किया गया. जहां इन 32 केंद्रों पर वीडियो कॉल के माध्यम से हर ट्यूटर की उनके पंजीकरण दस्तावेजों के साथ उनके आधार कार्ड का उपयोग करके पहचान की गई. ई-सत्यापन में ही पांच केंद्रों ने हिस्सा नहीं लिया. छह के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले सामने आए और नौ सत्यापित संकाय के 40 फीसदी बेंचमार्क को भी पूरा करने में असमर्थ थे. सबसे ज्यादा कमियां जेपी नगर और मथुरा केंद्र में मिलीं. दोनों जिलों में ही 3-3 केंद्र नियमों का पालन नहीं कर रहे थे.

इस बारे में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा के हब बनाने के प्रयास में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सरकार निर्धारित मानदंडों के गैर अनुपालन में किसी भी संस्था के प्रति कोई रियायत नहीं दिखाएगी. आने वाले समय में भी ऐसी सख्त कार्रवाई होती रहेगी.

इन केंद्रों दाखिले रोके गए

आगरा - देव एजुकेशन कॉलेज
अयोध्या - चिरंजीव नर्सिंग संस्थान
अयोध्या - झुनझुनवाला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस
आजमगढ़ - अखिल भारतीय बाल देखभाल एवं शैक्षिक विकास समिति
आजमगढ़ - श्री बाबा सदावरम पैरामेडिकल एंड नर्सिंग कॉलेज
बरेली - क्लारा स्वैन हॉस्पिटल
गौतमबुद्ध नगर - एनआईएमटी अस्पताल
गोंडा - मां गायत्री इंस्टीट्यूट ऑफ़ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेस
हापुड़ - उपकार स्कूल ऑफ नर्सिंग
अमरोहा - भारतीय नर्सिंग कॉलेज
अमरोहा - गंगोत्री स्कूल ऑफ नर्सिंग, जेपी नगर
अमरोहा - संजीवनी नर्सिंग कॉलेज
जौनपुर - राय केबी सिंह नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज
लखनऊ - करियर कॉलेज ऑफ नर्सिंग
लखनऊ - मेयो मेडिकल सेंटर
मथुरा - लाइफ लाइन स्कूल ऑफ नर्सिंग
मथुरा - एसएम नर्सिंग कॉलेज
ये भी पढ़ें : प्रदेश में मंगलवार को मिले 363 नए संक्रमित मरीज, एक की मौत

मथुरा - एसआरसी नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थान
प्रतापगढ़ - रूमा इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस
वाराणसी - डॉ. विजय कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड मेडिकल

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.