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पुलिस ने कल्बे सिब्तैन की अग्रिम जमानत पर नहीं दी आपत्ति तो कमिश्नर से HC ने मांगा हलफनामा

सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा मामले में आरोपी शिया धर्मगुरु कल्बे सिब्तैन नूरी की अग्रिम जमानत याचिका को लेकर बार-बार मौका दिए जाने के बाद भी हाईकोर्ट में सरकार की ओर से आपत्ति दाखिल नहीं की गयी. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पुलिस कमिश्नर से हलफनामा मांगा है.

allahabad high court lucknow bench orders police commissioner to give affidavit
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Published : Sep 9, 2021, 7:36 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा मामले में आरोपी शिया धर्मगुरु कल्बे सिब्तैन की अग्रिम जमानत याचिका पर सरकार की ओर से आपत्ति न दाखिल करने पर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा कि कई बार जवाब दाखिल करने का मौका दिया गया लेकिन सम्बंधित अधिकारी की लापरवाही की वजह से अब तक जवाब दाखिल नहीं हुआ और अभियुक्त को मिली अंतरिम राहत जारी है.

कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए आदेश दिया कि पुलिस कमिश्नर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि सरकारी वकील को मामले में पर्याप्त निर्देश क्यों नहीं उपलब्ध कराए गए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि पुलिस कमिश्नर का हलफनामा नहीं आता तो उन्हें स्वयं कोर्ट के समक्ष अगली सुनवाई को हाजिर होना होगा. मामले का अगली सुनवाई 27 सितम्बर को होगी.


यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की एकल पीठ ने सैयद कल्बे सिब्तैन उर्फ नूरी की अग्रिम जमानत याचिका पर पारित किया. उल्लेखनीय है कि सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगा करने व सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले को लेकर शिया धर्मगुरु व 27 अन्य लोगों के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में सरकार बनी तो कांग्रेस गोकशी केस में बरी 48 लोगों को देगी मुआवजा

इसके बाद कल्बे सिब्तैन की ओर से उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर बहस की. सुनवाई के पश्चात 13 जुलाई 2021 को न्यायालय ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी. साथ ही राज्य सरकार से जवाब भी मांगा था लेकिन 30 जुलाई, 13 अगस्त और 25 अगस्त को मौका मिलने के बावजूद सरकार की ओर से जवाब नहीं आ आया और अभियुक्त की अंतरिम राहत बढती रही.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा मामले में आरोपी शिया धर्मगुरु कल्बे सिब्तैन की अग्रिम जमानत याचिका पर सरकार की ओर से आपत्ति न दाखिल करने पर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा कि कई बार जवाब दाखिल करने का मौका दिया गया लेकिन सम्बंधित अधिकारी की लापरवाही की वजह से अब तक जवाब दाखिल नहीं हुआ और अभियुक्त को मिली अंतरिम राहत जारी है.

कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए आदेश दिया कि पुलिस कमिश्नर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि सरकारी वकील को मामले में पर्याप्त निर्देश क्यों नहीं उपलब्ध कराए गए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि पुलिस कमिश्नर का हलफनामा नहीं आता तो उन्हें स्वयं कोर्ट के समक्ष अगली सुनवाई को हाजिर होना होगा. मामले का अगली सुनवाई 27 सितम्बर को होगी.


यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की एकल पीठ ने सैयद कल्बे सिब्तैन उर्फ नूरी की अग्रिम जमानत याचिका पर पारित किया. उल्लेखनीय है कि सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगा करने व सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले को लेकर शिया धर्मगुरु व 27 अन्य लोगों के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

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इसके बाद कल्बे सिब्तैन की ओर से उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर बहस की. सुनवाई के पश्चात 13 जुलाई 2021 को न्यायालय ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी. साथ ही राज्य सरकार से जवाब भी मांगा था लेकिन 30 जुलाई, 13 अगस्त और 25 अगस्त को मौका मिलने के बावजूद सरकार की ओर से जवाब नहीं आ आया और अभियुक्त की अंतरिम राहत बढती रही.

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