लखनऊ: देश में मुसलमानों की बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अब यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ आंदोलन चलाएगी. यह फैसला ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की 51 सदस्यीय एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में लिया गया. यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ चलने वाले आंदोलन में पर्सनल लॉ बोर्ड सभी धर्मों के लोगों को जोड़ेगा. जिसके लिए पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक विशेष कमेटी भी गठित की है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि, राम मंदिर और धारा 370 के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड बीजेपी का तीसरा एजेंडा है. ऐसे में अंदेशा है कि बीजेपी सरकार इसे जल्द ला सकती है. जिलानी ने कहा कि हिंदुओं के बड़े वर्ग के साथ ईसाई, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और आदिवासी भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ हैं. क्योंकि इन सब के अपने अलग-अलग धार्मिक कानून और मान्यताएं हैं और कोई यह नहीं कहता है कि उसका धर्म यूनिफॉर्म सिविल कोड के आधार पर लाया जाए. लेकिन इन सब को जागरूक करने की जरूरत है इसलिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया है कि सभी धर्मों के लोगों से संपर्क किया जाए ताकि जिस वक्त भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया जाए इसका असरदार विरोध हो.
इसके साथ ही जफरयाब जिलानी ने कहा कि सभी धर्मों के साथ सियासी पार्टियों को भी इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा और मीडिया को भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान के बारे में बताया जाएगा. जफरयाब जिलानी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करते हुए कहा की यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से सभी धर्मों का नुकसान होगा क्योंकि हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सभी धर्मों में अलग-अलग रीति रिवाज के मुताबिक धार्मिक कानून की मान्यताएं हैं, जो आहत हो सकती हैं.