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टीले वाली मस्जिद प्रकरण, अखिल भारत हिन्दू महासभा ने भी दाखिल किया वाद - आठ जुलाई की तारीख

टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीला बताते हुए हिंदुओं को पूजा करने व इस स्थान का सर्वे कराने की मांग पर अदालत में एक और वाद दाखिल किया गया. यह वाद अखिल भारत हिन्दू महासभा व चार अन्य की ओर से दाखिल किया गया है.

अदालत
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Published : Jul 2, 2022, 3:48 PM IST

लखनऊ : टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीला बताते हुए हिंदुओं को पूजा करने व इस स्थान का सर्वे कराने की मांग पर अदालत में एक और वाद दाखिल किया गया. यह वाद अखिल भारत हिन्दू महासभा व चार अन्य की ओर से दाखिल किया गया है. वकील शैलेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, अदालत ने फिलहाल इस वाद पर कुछ विधिक बिन्दुओं पर सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की है.

वर्ष 2013 में भी इस प्रकरण पर एक वाद दाखिल किया गया था, जिस पर सुनवाई जारी है. यह वाद लार्ड टीलेश्वर महादेव विराजमान, लक्ष्मण टीला शेषनाग तीरथ भूमि, डॉ. वीके श्रीवास्तव, रामरतन मौर्य, वेदप्रकाश त्रिवेदी, चंचल सिंह, दिलीप साहू, स्वतंत्र कुमार व धनवीर सिंह की ओर से दाखिल किया गया. इस वाद में मस्जिद को हटाकर इसका कब्जा हिंदुओं को देने की मांग की गई है. कहा गया है कि यह पूरा परिसर शेषनाग टीलेश्वर महादेव का स्थान है. लिहाजा इस पर हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जाए व उनके दर्शन में बाधा डालने वालों को रोका जाए.

ये भी पढ़ें : कमलेश तिवारी की पत्नी को जान से मारने की धमकी, उर्दू में लिखा- 'पति के पास पहुंचा देंगे'

18 जुलाई, 2017 को निचली अदालत ने इस वाद के प्रतिवादी मौलाना फजुर्लरहमान की मौत के बाद उनके विधिक उत्तराधिकारी मौलाना फजलुल मन्नान को प्रतिवादी प्रतिस्थापित करने का आदेश दिया था. निचली अदालत में प्रतिवादी की ओर से इस वाद को खारिज करने की मांग की गई थी. 25 सितंबर, 2017 को निचली अदालत ने इस मांग को नामंजूर कर दिया था. निचली अदालत के इस आदेश को सत्र अदालत के जरिए रिवीजन अर्जी चुनौती दी गई है. बीते 31 मई को सत्र अदालत में इस अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी. इस मामले मे आज ही सुनवाई होनी है.

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लखनऊ : टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीला बताते हुए हिंदुओं को पूजा करने व इस स्थान का सर्वे कराने की मांग पर अदालत में एक और वाद दाखिल किया गया. यह वाद अखिल भारत हिन्दू महासभा व चार अन्य की ओर से दाखिल किया गया है. वकील शैलेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, अदालत ने फिलहाल इस वाद पर कुछ विधिक बिन्दुओं पर सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की है.

वर्ष 2013 में भी इस प्रकरण पर एक वाद दाखिल किया गया था, जिस पर सुनवाई जारी है. यह वाद लार्ड टीलेश्वर महादेव विराजमान, लक्ष्मण टीला शेषनाग तीरथ भूमि, डॉ. वीके श्रीवास्तव, रामरतन मौर्य, वेदप्रकाश त्रिवेदी, चंचल सिंह, दिलीप साहू, स्वतंत्र कुमार व धनवीर सिंह की ओर से दाखिल किया गया. इस वाद में मस्जिद को हटाकर इसका कब्जा हिंदुओं को देने की मांग की गई है. कहा गया है कि यह पूरा परिसर शेषनाग टीलेश्वर महादेव का स्थान है. लिहाजा इस पर हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जाए व उनके दर्शन में बाधा डालने वालों को रोका जाए.

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18 जुलाई, 2017 को निचली अदालत ने इस वाद के प्रतिवादी मौलाना फजुर्लरहमान की मौत के बाद उनके विधिक उत्तराधिकारी मौलाना फजलुल मन्नान को प्रतिवादी प्रतिस्थापित करने का आदेश दिया था. निचली अदालत में प्रतिवादी की ओर से इस वाद को खारिज करने की मांग की गई थी. 25 सितंबर, 2017 को निचली अदालत ने इस मांग को नामंजूर कर दिया था. निचली अदालत के इस आदेश को सत्र अदालत के जरिए रिवीजन अर्जी चुनौती दी गई है. बीते 31 मई को सत्र अदालत में इस अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी. इस मामले मे आज ही सुनवाई होनी है.

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