लखनऊ: सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि महंगाई की मार से जनता की बुरी हालत है. जनता जितनी परेशानी में है हुक्मरान उतने ही बेफिक्र दिखाई दे रहे हैं. गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का बुरा हाल है. घरेलू अर्थव्यवस्था चौपट है, लेकिन भाजपा सरकार की संवेदनहीनता कम होने का नाम नहीं ले रही है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार में एक डॉलर के मुकाबले रुपये 80 के पार हो गया है. इससे अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है. बढ़ती महंगाई के कारण विदेशों में पढ़ना, विदेश यात्रा करना सब मुश्किल हो गया है. खाद, बीज, कृषि यंत्र सभी महंगे हैं. मोबाइल, कार खरीदना महंगा हो गया है. व्यापार का घाटा बढ़ गया है. आयात महंगा हो जाने से देश की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हो गई है.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में 1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लाने की जिद में गरीब को और गरीब बना रही है. पौष्टिक आहार पर जीएसटी की दरें बढ़ाकर आम जनता को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. भाजपा सरकार पैकेड और लेबल वाली दही, लस्सी, पनीर, शहद, मांस, मछली सहित आटा चक्की, दाल, चीनी, एलईडी लैंप और लाईट्स के साथ चेक बुक, होटल के कमरे आदि सभी पर जीएसटी दरें बढ़ाकर जनजीवन मुश्किल बनाकर जनता का शोषण कर रही है.
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि महंगाई की तपिश से परेशान लोगों का जिस तेजी से बजट बढ़ा है, उस अनुपात में आय नहीं बढ़ी है. इससे लोगों की घरेलू अर्थव्यवस्था बिगड़ गयी है. इस भीषण महंगाई में जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है. महीने के राशन का खर्च लगभग 100 फीसदी बढ़ गया है. बैंकों ने लोन पर ब्याज की दरें बढ़ा दी है. भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियां इसकी जिम्मेदार हैं. भाजपा ने गरीबों, मध्यमवर्ग को राहत देने के बजाय बड़े पूंजीघरानों को तमाम रियायतें देने का काम अब तक किया है. ऐसी जनविरोधी सरकार को पीड़ितजन कब तक बर्दाश्त करेंगे?
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