लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में मीडिया पर छापेमारी से ये साफ़ हो गया है कि भाजपा 2022 के चुनाव में अपनी हार की आशंका से बुरी तरह ग्रसित है. ये हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है. इससे ये साबित हो गया है कि जनविरोधी भाजपा के दमनकारी शासन में जो सच्चाई को दिखलाएगा, वो कुचला जाएगा.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जो जनता की बात करते हुए सरकार की नाकामियों और सच्चाई को उजागर कर रहे हैं उन्हें डराने के लिए ईडी जैसी अनेक जांच संस्थाएं दिल्ली और लखनऊ में सक्रिय हो गयी हैं. इससे ज्यादा भारत के लोकतंत्र के लिए कोई दुर्भाग्य नहीं हो सकता, जहां सरकारी संस्थाएं जनता की आवाज दबा रही हैं. स्वस्थ लोकतंत्र में असहमति और नाराजगी सामने आनी चाहिए. लेकिन भाजपा सरकार अपने खिलाफ एक शब्द नहीं सुनना चाहती. इसलिए इस तरह की कार्रवाई सबके ऊपर हो रही हैं. यह दुःखद है. सरकार को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. इससे लोकतंत्र की विश्वसनीयता खण्डित हो रही है. निष्पक्ष लोग लोकतंत्र के स्तम्भ और हिस्सा हैं. इनका उत्पीड़न कर भाजपा इसे कमजोर कर रही है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि मीडिया संस्थानों पर आयकर की जबर्दस्त छापेमारी प्रथम दृष्ट्या द्वेषपूर्ण कार्रवाई लगती है, जो 1975 के कांग्रेसी इमरजेंसी की काली यादों को ताजा करता है. यह अति दुःखद व अति-निंदनीय है.
सपा के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता रामजी लाल सुमन ने देश के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता के ऊपर हो रहे राजनीतिक हमले का जमकर विरोध किया है, जिसके चलते आगरा के समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने काली पट्टी बांध मौन व्रत रखा. इस मौके पर पूर्व महानगर अध्यक्ष रईसुद्दीन के पुत्र युवानेता रिजवान भी मौजूद रहे.
सपा नेता रामजी लाल सुमन ने देश के दो मीडिया संस्थानों पर इनकम टैक्स की छापामार कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया. उनका कहना था कि देश मे आज जो भी नेता,पत्रकार,समाजसेवी सरकार के खिलाफ एक शब्द विरोध के निकलता है, उसी दिन से उसकी उल्टी गिनती शुरू हो जाती है.