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दो साल में 21 लोगों को शिकार वाली बाघिन की गयी आइसोलेट, अब लखनऊ चिड़ियाघर में ही रहेगी

दो साल में 21 लोगों को शिकार बनाने वाली कथित बाघिन को लखनऊ चिड़ियाघर में आइसोलेट किया गया है. जू़ के निदेशक ने बताया कि बाघिन के हरकतों में सुधार के बाद ही बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा.

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tigress 21 suspected human kills
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Published : Jul 7, 2022, 11:37 AM IST

Updated : Jul 7, 2022, 11:45 AM IST

लखनऊ: लखनऊ चिड़ियाघर में दो जुलाई को एक बाघिन को लायी गयी थी. यह बाघिन काफी खतरनाक है. मौका मिलते ही अपने शिकारी पर पंजा मारने से नहीं चूकती है. लखनऊ चिड़ियाघर के डायरेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि साल 2020 में दुधवा नेशनल पार्क के पास बाघिन ने 21 लोगों पर हमला किया था. जिसके बाद कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग एवं बफर जोन प्रभाग की सीमा से एक बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया गया था.

बाघिन को पशु चिकित्सकों की देखरेख में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में रखा गया है. इस बाघिन की उम्र लगभग 9 वर्ष है. प्राणि उद्यान लखनऊ में इस बाघिन को आइसोलेशन वार्ड में पशु चिकित्सकों एवं कीपर्स की देखरेख में रखा गया है. निदेशक अशोक कुमार ने बताया कि बाघिन को आइसोलेट किया गया है, क्योंकि यह अभी-अभी जंगल से आई है. हमें इसके व्यवहार का निरीक्षण करने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें- योगीराज में रोड पर चल रहा सरकारी स्कूल, जानें क्यों 500 छात्र रास्ते में पढ़ने को हैं मजबूर

उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक आगे की चिकित्सा जांच कर रहे हैं. हमारे विशेषज्ञ बाघिन का पुनर्वास करेंगे. जैसे उन्होंने अन्य जंगली बिल्लियों के मामले में किया था. एक पशु चिकित्सक ने कहा कि बाघिन आक्रामक व्यवहार के लक्षण दिखा रही है क्योंकि उसे पिंजरे में रहने की आदत नहीं है. हम उसे उचित भोजन दे रहे हैं और ध्यान से उसकी हरकतों पर नजर रख रहे हैं. जब तक इसकी हरकतों में सुधार नहीं होगा और यह लोगों पर आक्रामक होना नहीं बंद करेगी, तब तक इसे बाड़े में नहीं रखा जाएगा.

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लखनऊ: लखनऊ चिड़ियाघर में दो जुलाई को एक बाघिन को लायी गयी थी. यह बाघिन काफी खतरनाक है. मौका मिलते ही अपने शिकारी पर पंजा मारने से नहीं चूकती है. लखनऊ चिड़ियाघर के डायरेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि साल 2020 में दुधवा नेशनल पार्क के पास बाघिन ने 21 लोगों पर हमला किया था. जिसके बाद कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग एवं बफर जोन प्रभाग की सीमा से एक बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया गया था.

बाघिन को पशु चिकित्सकों की देखरेख में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में रखा गया है. इस बाघिन की उम्र लगभग 9 वर्ष है. प्राणि उद्यान लखनऊ में इस बाघिन को आइसोलेशन वार्ड में पशु चिकित्सकों एवं कीपर्स की देखरेख में रखा गया है. निदेशक अशोक कुमार ने बताया कि बाघिन को आइसोलेट किया गया है, क्योंकि यह अभी-अभी जंगल से आई है. हमें इसके व्यवहार का निरीक्षण करने की आवश्यकता है.

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उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक आगे की चिकित्सा जांच कर रहे हैं. हमारे विशेषज्ञ बाघिन का पुनर्वास करेंगे. जैसे उन्होंने अन्य जंगली बिल्लियों के मामले में किया था. एक पशु चिकित्सक ने कहा कि बाघिन आक्रामक व्यवहार के लक्षण दिखा रही है क्योंकि उसे पिंजरे में रहने की आदत नहीं है. हम उसे उचित भोजन दे रहे हैं और ध्यान से उसकी हरकतों पर नजर रख रहे हैं. जब तक इसकी हरकतों में सुधार नहीं होगा और यह लोगों पर आक्रामक होना नहीं बंद करेगी, तब तक इसे बाड़े में नहीं रखा जाएगा.

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Last Updated : Jul 7, 2022, 11:45 AM IST
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