लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकारण (lucknow development authority) में अवैध निर्माण को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है. लेकिन, आवास विकास की कॉलोनियों के अवैध निर्माण (LDA Illegal construction) पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. इन कॉलोनियों में शामिल इंदिरा नगर, राजाजीपुरम और विकास नगर में हर चौथे मकान को कॉम्पलेक्स बना दिया गया है.
अवैध बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डर और आवास विकास परिषद के इंजीनियर, अफसर मिलकर सुनियोजित कॉलोनियों को कुरूप बना रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम लखनऊ आवास विकास परिषद (Housing Development Council in Lucknow) के आयुक्त कार्यालय पहुंची. लेकिन, टीम को इस मसले में कार्यालय में जबाव देने वाला कोई नहीं मिला. बल्कि कैमरामैन और संवाददाता के साथ बदसुलूकी करने का प्रयास सुरक्षाकर्मियों और स्टॉफ ने जरूर किया था. फिलहाल आवास विकास परिषद की कॉलोनियों में दो हजार के करीब अवैध निर्माण हो चुके हैं, मगर इन पर कार्रवाई के नाम पर केवल कागजों में खानापूर्ति की जा रही है.
लेवाना अग्निकांड के बाद आवास विकास परिषद की ओर किसी की नजर नहीं है. प्रशासन की ओर से सारी कार्रवाई लखनऊ विकास प्राधिकरण (lucknow development authority) और अन्य विभागों तक ही सीमित है. लेकिन, आवास विकास परिषद की लखनऊ में जो बड़ी कॉलोनियां हैं, उनमें जमकर अवैध निर्माण (LDA Illegal construction) किया गया है. इंदिरा नगर, वृंदावन कॉलोनी, राजाजीपुरम, आम्रपाली कॉलोनी और विकास नगर कॉलोनी में मुख्य मार्गों पर स्थित अधिकतर आवासों में व्यवसायिक निर्माण किए जा चुके हैं.
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अवैध निर्माण (LDA Illegal construction) में होटल, कॉम्पलेक्स, मैरिज हॉल और बड़े शोरूम शामिल हैं. अग्निशमन मानक से लेकर वैध निर्माण के सभी मानकों को यहां पर नहीं माना गया है. आवास विकास परिषद (Housing Development Council in Lucknow) के अभियंता केवल नोटिस काटकर बिल्डर के साथ गठजोड़ कर चुके हैं. कार्रवाई के नाम पर दिखावा भी इन कॉलोनियों में नहीं किया जा रहा है.
इस संबंध में पक्ष लेने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम ने कमिश्नर अजय सिंह चौहान (Lucknow Commissioner Ajay Singh Chauhan) के कार्यालय में पहुंची तो यहां के सुरक्षाकर्मियों से लेकर उनके पीए ने भी ईटीवी भारत के संवाददाता और वीडियो जर्नलिस्ट के साथ बदसुलूकी करने का प्रयास किया. कार्यालय में कमिश्नर अजय सिंह चौहान मौजूद नहीं थे और बताया गया कि वह बिजनौर में प्रभारी अधिकारी होने के नाते दौरे पर गए हैं. इस विषय में उनका पक्ष जानने के लिए फोन पर बात करने का प्रयास किया गया था. लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका.
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