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शीघ्र रिलीज होगी पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किश्त, 2.60 करोड़ लोगों को मिल रहा लाभ - किसानों की संख्या भी सर्वाधिक

आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. आबादी का 75 फीसद हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है. इनमें से अधिकांश की आजीविका का जरिया खेतीबाड़ी ही है. स्वाभाविक है कि यहां किसानों की संख्या भी सर्वाधिक है.

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Published : Aug 31, 2022, 5:02 PM IST

लखनऊ : पीएम किसान सम्मान निधि से दी जाने वाली सरकारी मदद देखने में भले छोटी हो, लेकिन प्रदेश के करोड़ों किसानों के लिए बड़ा सहारा बन चुकी है. हर फसली सीजन (रबी, खरीफ और जायद) सीजन के पहले 2000-2000 रुपये के समान किश्तों में मिलने वाली इस मदद से समय से सीजन की फसल की तैयारी (पलेवा एवं जुताई) और खाद-बीज जैसे जरूरी कृषि निवेश एकत्र करने में मदद मिल जाती है. उल्लेखनीय है कि बेहतर उत्पादन में फसल की समय से बोआई का सबसे अधिक महत्व होता है. देर से बोआई करने पर उत्पादन तो घटता ही है, बीज भी अधिक लगता है. इसी तरह अगर पलेवा लगाकर खेत की तैयारी न की जाए तो फसल का जमता ठीक नहीं होता. इस सबका असर पैदावार और अंततः संबंधित किसान पर पड़ता है. इन सभी समस्याओं के समाधान का निदान इस योजना से हो रहा है.


आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. आबादी का 75 फीसद हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है. इनमें से अधिकांश की आजीविका का जरिया खेतीबाड़ी ही है. स्वाभाविक है कि यहां किसानों की संख्या भी सर्वाधिक है. इनमें से 90 फीसद से अधिक किसान लघु एवं सीमांत श्रेणी के हैं. ऐसे में इस तरह की मदद की सबसे अधिक दरकार भी यहां के किसानों को है और यह मिल भी रही है. इसमें बड़ी भूमिका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में की गई पारदर्शी व्यवस्था की भी है.


कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 2.60 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ मिल रहा है. अब तक 11 किश्तों में इनके खाते में सीधे 48311 करोड़ रुपये जा चुके हैं. शीघ्र ही 12वीं किश्त भी रिलीज होगी. सरकार की योजना हर पात्र किसान को इस योजना से लाभान्वित कराने की है. यही वजह है कि जो पात्र नहीं हैं, उनको इस योजना से छांटने और जो पात्रता के बावजूद छूट गए हैं, उनको जोड़ने के लिए तीन महीने से कृषि विभाग ई-केवाईसी का अभियान भी चला रहा है.

यह भी पढ़ें : मृतक आश्रितों को दूसरे विभाग में भी नौकरी देने की तैयारी, मिलेगी बड़ी सहूलियत

उल्लेखनीय है कि किसानों के हित के लिहाज से इस बेहद महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में उनके गृह जिले गोरखपुर से ही की थी.

लखनऊ : पीएम किसान सम्मान निधि से दी जाने वाली सरकारी मदद देखने में भले छोटी हो, लेकिन प्रदेश के करोड़ों किसानों के लिए बड़ा सहारा बन चुकी है. हर फसली सीजन (रबी, खरीफ और जायद) सीजन के पहले 2000-2000 रुपये के समान किश्तों में मिलने वाली इस मदद से समय से सीजन की फसल की तैयारी (पलेवा एवं जुताई) और खाद-बीज जैसे जरूरी कृषि निवेश एकत्र करने में मदद मिल जाती है. उल्लेखनीय है कि बेहतर उत्पादन में फसल की समय से बोआई का सबसे अधिक महत्व होता है. देर से बोआई करने पर उत्पादन तो घटता ही है, बीज भी अधिक लगता है. इसी तरह अगर पलेवा लगाकर खेत की तैयारी न की जाए तो फसल का जमता ठीक नहीं होता. इस सबका असर पैदावार और अंततः संबंधित किसान पर पड़ता है. इन सभी समस्याओं के समाधान का निदान इस योजना से हो रहा है.


आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. आबादी का 75 फीसद हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है. इनमें से अधिकांश की आजीविका का जरिया खेतीबाड़ी ही है. स्वाभाविक है कि यहां किसानों की संख्या भी सर्वाधिक है. इनमें से 90 फीसद से अधिक किसान लघु एवं सीमांत श्रेणी के हैं. ऐसे में इस तरह की मदद की सबसे अधिक दरकार भी यहां के किसानों को है और यह मिल भी रही है. इसमें बड़ी भूमिका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में की गई पारदर्शी व्यवस्था की भी है.


कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 2.60 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ मिल रहा है. अब तक 11 किश्तों में इनके खाते में सीधे 48311 करोड़ रुपये जा चुके हैं. शीघ्र ही 12वीं किश्त भी रिलीज होगी. सरकार की योजना हर पात्र किसान को इस योजना से लाभान्वित कराने की है. यही वजह है कि जो पात्र नहीं हैं, उनको इस योजना से छांटने और जो पात्रता के बावजूद छूट गए हैं, उनको जोड़ने के लिए तीन महीने से कृषि विभाग ई-केवाईसी का अभियान भी चला रहा है.

यह भी पढ़ें : मृतक आश्रितों को दूसरे विभाग में भी नौकरी देने की तैयारी, मिलेगी बड़ी सहूलियत

उल्लेखनीय है कि किसानों के हित के लिहाज से इस बेहद महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में उनके गृह जिले गोरखपुर से ही की थी.

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