लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल के नतीजे जारी हो चुके हैं. परीक्षा में पूरे यूपी से 25 लाख 20 हजार 634 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. जिसमें 22 लाख 22 हजार 745 ने सफलता पाई है. यानी करीब तीन लाख ऐसे भी हैं जो उत्तीर्ण नहीं हो पाएं हैं. इस परीक्षा में अगर अंक कम भी आएं हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, बोर्ड आगे आपको सुधार का अवसर देने जा रहा है.
लखनऊ के क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के चेयरमैन योगेन्द्र सचान ने बताया कि बोर्ड ने छात्रों को अपनी उत्तर पुस्तिकाएं देखने और उसकी स्क्रूटनी कराने का विकल्प दिया है. इसके अलावा छात्रों के पास कम्पार्टमेंट परीक्षा देने का भी विकल्प खुला रहता है. आम तौर पर बोर्ड की तरफ से नतीजे घोषित होने के 15 दिन के भीतर आगे का कार्यक्रम जारी कर दिया जाता है. एक महीने तक आवेदन लिए जाते हैं.
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम 33 फीसदी अंकों की आवश्यकता होती है. यदि कोई छात्र एक या दो विषय में न्यूनतम अंक प्राप्त करने से चूक जाता है तो बोर्ड परफॉर्मेंस सुधारने का मौका देगा. उन्होंने बताया कि अगर कोई कंपार्टमेंटल परीक्षा में भी न्यूनतम अंक प्राप्त करने से चूक जाता है तो उसे फेल माना जाएगा.
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यह हैं नियम : हाईस्कूल में यदि एक सब्जेक्ट में फेल होते हैं तो ग्रेस मार्क्स मिल सकते हैं. वहीं, दो विषयों में अगर फेल होते हैं तो उसके पास एक विषय में कम्पार्टमेंट का विकल्प होता है और दूसरे में उसे पास मान लिया जाता है. इंटरमीडिएट में 12वीं में एक विषय में फेल होने पर कम्पार्टमेंट दे सकते हैं. वहीं, दो विषय में फेल होने पर दोबारा पढ़ना पड़ेगा.
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