लखनऊ : धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने के कारण प्रदेश में होटल इंडस्ट्री में निजी निवेशकों का रुझान बढ़ा है, जिसका नतीजा है कि पर्यटन विभाग के 15 बंगलों और होटलों को मल्टीनेशनल कंपनियां पीपीपी मोड पर संचालित करने जा रही हैं. इससे पर्यटकों को लग्जरियस सुविधाएं मिलेंगी. इससे जहां पर्यटकों को ठहरने के लिए पहले की अपेक्षा अधिक विकल्प होंगे, वहीं जेब पर भी बोझ कम होने के आसार हैं.
सीएम योगी ने 2018 में प्रदेश में पर्यटन नीति तैयार कराई थी. पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में पर्यटकों से लेकर निवेश में भी वृद्धि हुई है. कोरोना के बावजूद 2017 से 2021 तक प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है. पर्यटन विभाग ने हाल ही में 30 राही गेस्ट हाउस और बंगलों को पीपीपी मोड पर संचालित करने के लिए टेंडर निकाला था. विभाग ने 15 जगहों के लिए कंपनियों का चयन कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है. शेष 15 अन्य के लिए टेंडर की डेट आगे बढ़ाई गई है.
जीबीसी थ्री (GBC 3) में करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से गोरखपुर में तीन, बरेली में 70 करोड़ की लागत से तीन होटल, मेरठ में 94 करोड़ की लागत से वेलनेस टूरिज्म और आगरा में 66 करोड़ की लागत से ताज होटल और कन्वेंसन सेंटर बनने जा रहा है. इसके अलावा मेरठ में 94 करोड़ की लागत से वेलनेस टूरिज्म, गोरखपुर में 83 करोड़ की लागत से होटल कोटयार्ड द्वारा मैरिएट, आगरा में 66 करोड़ की लागत से ताज होटल और कन्वेंसन सेंटर, गाजियाबाद में 43 करोड़ की लागत से वेदांतम होटल, गोरखपुर में 36 करोड़ की लागत से रेडिसन ब्लू, गोरखपुर में 30 करोड़ की लागत से होटल साकेत कुंज, बरेली में 28 करोड़ की लागत से पार्क इन रेडिसन ब्लू, वाराणसी में 22 करोड़ की लागत से कपूर्स होटल, बरेली में 22 करोड़ की लागत से रमाडा इनकोर, बरेली में 20 करोड़ की लागत से छाबरा एसोसिएट्स, मुजफ्फरनगर में 20 करोड़ की लागत से होटल आईवीरा, वृंदावन में 17 करोड़ की लागत से होटल आनंदा हेरिटेज हैं.
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यह गेस्ट हाउस और बंगलो होंगे पीपीपी मोड पर संचालित
- मथुरा में गोकुल रेस्टोरेंट, पर्यटक आवास गृह, राधा कुंड, बरसाना, गोकुल गांव
- महराजगंज में सोनौली
- औरैया में देवकाली
- ललितपुर में देवगढ़
- फिरोजाबाद में शिकोहाबाद
- आगरा में बटेश्वर
- भदोही
- फर्रुखाबाद में संकिसा
- बुलंदशहर में नरौरा
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