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अधर में लटका तीन लाख छात्रों का भविष्य, प्रवेश में बचा सिर्फ एक दिन, अब तक नहीं मिला रिजल्ट - बीए और बीएससी के परिणाम

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के प्रशासनिक अफसर के सभी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. छात्र-छात्राओं की स्थिति को देखते हुए अब स्ववित्तपोषित कॉलेजों के प्रबंधक भी उनके साथ खड़े हो गए हैं.

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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर
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Published : Aug 24, 2022, 11:35 AM IST

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के प्रशासनिक अफसर भले ही लाख दावे करते हों कि विवि स्तर से सबकुछ सही चल रहा. मगर असलियत कुछ और ही है. विवि प्रशासन द्वारा प्रवेश के लिए जारी अंतिम तिथि 25 अगस्त है, लेकिन विवि और संबद्ध कॉलेजों के तीन लाख छात्र-छात्राओं का परिणाम अभी तक जारी नहीं हो सका है. जाहिर है कि प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं के पास सिर्फ एक दिन यानी गुरुवार का समय होगा, वहीं एक दिन में तीन लाख छात्रों का परिणाम जारी कर पाना कहीं से संभव नहीं है.

छात्रों के अनुसार, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि प्रशासन द्वारा सत्र 2021-22 में कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर डिजीटल मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई थी. शिक्षकों ने एक दिन में हजारों की संख्या में कॉपियां जांच दीं. बावजूद इसके विवि प्रशासन समय से छात्र-छात्राओं के बीए और बीएससी के परिणाम जारी न कर सका. जो जिम्मेदार हैं, वह सटीक जवाब देने से मुंह चुरा रहे हैं, जबकि छात्र-छात्राएं रोजाना अपने कॉलेजों का चक्कर काट रहे हैं. विवि की इस लचर व्यवस्था से प्रशासनिक अफसरों की भी खूब किरकिरी हो रही है.

रिजल्ट के संबध में जानकारी देते परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजनी मिश्रा

ये भी पढ़ें- यूपी मदरसा बोर्ड की बैठक में नियमावली में संशोधन को लेकर बनी सहमति

छात्र-छात्राओं की स्थिति को देखते हुए अब स्ववित्तपोषित कॉलेजों के प्रबंधक भी उनके साथ खड़े हो गए हैं. उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी का कहना है कि छात्र-छात्राओं को प्रवेश के लिए 15 दिनों का मौका और दिया जाए. वहीं, अभी तक विवि प्रशासन द्वारा जुलाई से लगातार प्रवेश की अंतिम तिथि को कई बार बढ़ाया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- PCS Primary Exam 2021 का परिणाम रद्द होने के केस में सुनवाई कर रहे जज ने खुद को किया अलग

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के प्रशासनिक अफसर भले ही लाख दावे करते हों कि विवि स्तर से सबकुछ सही चल रहा. मगर असलियत कुछ और ही है. विवि प्रशासन द्वारा प्रवेश के लिए जारी अंतिम तिथि 25 अगस्त है, लेकिन विवि और संबद्ध कॉलेजों के तीन लाख छात्र-छात्राओं का परिणाम अभी तक जारी नहीं हो सका है. जाहिर है कि प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं के पास सिर्फ एक दिन यानी गुरुवार का समय होगा, वहीं एक दिन में तीन लाख छात्रों का परिणाम जारी कर पाना कहीं से संभव नहीं है.

छात्रों के अनुसार, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि प्रशासन द्वारा सत्र 2021-22 में कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर डिजीटल मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई थी. शिक्षकों ने एक दिन में हजारों की संख्या में कॉपियां जांच दीं. बावजूद इसके विवि प्रशासन समय से छात्र-छात्राओं के बीए और बीएससी के परिणाम जारी न कर सका. जो जिम्मेदार हैं, वह सटीक जवाब देने से मुंह चुरा रहे हैं, जबकि छात्र-छात्राएं रोजाना अपने कॉलेजों का चक्कर काट रहे हैं. विवि की इस लचर व्यवस्था से प्रशासनिक अफसरों की भी खूब किरकिरी हो रही है.

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छात्र-छात्राओं की स्थिति को देखते हुए अब स्ववित्तपोषित कॉलेजों के प्रबंधक भी उनके साथ खड़े हो गए हैं. उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी का कहना है कि छात्र-छात्राओं को प्रवेश के लिए 15 दिनों का मौका और दिया जाए. वहीं, अभी तक विवि प्रशासन द्वारा जुलाई से लगातार प्रवेश की अंतिम तिथि को कई बार बढ़ाया जा चुका है.

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