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सुरक्षा की मांग को लेकर सूफी इस्लामिक बोर्ड ने अमित शाह को भेजा ज्ञापन - उत्तर प्रदेश समाचार

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में ताजियादारी को लेकर हुए हमले के सम्बन्ध में सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित ज्ञापन, कानपुर डीसीपी साउथ रवीना त्यागी को सौंपा.

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Published : Aug 23, 2021, 7:14 PM IST

कानपुर: सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने बताया कि इससे पहले भी राज्य के कई स्थानों में सूफियों पर हमलों की बात सामने आई थी. इस प्रकार से देश में चरमपंथियों का दुःसाहस बढ़ रहा है, जो चिंताजनक है. पंश्चिम बंगाल में जिस तरह से वहाबियों ने खानकाह पर हमला करके ताजिया ले जाकर उसे खंडित किया उससे हुसैनियों की आस्था को गहरी ठेस पहुंची है. इसलिए ऐसी घटनाओं पर रोक लगाया जाना आवश्यक है. इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. चरमपंथी शक्तियों पर अंकुश लगाये जाने की आज बहुत ज्यादा जरूरत है.

ये भी पढ़ें- सीएम सिटी के लोगों की 20 साल से नहीं दूर हुई परेशानी, कई कॉलोनियों में कमर तक भरा पानी


सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने बताया कि ग्राम चैराबसुला थाना शायनपुर पोस्ट कुल्टीगुरिया जिला पश्चिम बंगाल में वहाबी देवबंदी पंथ के मानने वाले 100 लोगों जिनमें अजीजुर्रहमान के नेतृत्व में खान, मुरसलीन खान, रुबेल अली खान, अब्दुल रहमान खान, मुबसशिर अली खान अजहरुद्दीन खान, मुईद उल इस्लाम खान, कुतुब अली खान व मसरूर अली खान आदि थे. इनके द्वारा पीर मुहीउद्दीन चिश्ती की खानकाह पर हमला कर दिया और ताजिया को उठा कर खंडित कर दिया तथा वहां लगे अलम को फाड़ दिया.

ये भी पढ़ें- सपा ने लिखा- 'भाजपा हटाओ, औलाद बचाओ' तो बीजेपी ने दिया ये जवाब...

भीड़ ने मौला अली और मौला हुसैन का नाम लेने से रोका और साथ ही यह भी कहा गया कि अब किसी ने गांव में अली और हुसैन का नाम लिया तो तुम्हारे पीर और उनकी खानकाह को जला देंगे. उन लोगों ने भरपूर कोशिश की थी कि खानकाह में मौजूद लोगों को नुकसान पहुचाएं लेकिन गेट मजबूत होने की वजह से वो लोग कुछ नहीं कर पाए. उन्होंने कहा इस रोकने को लेकर केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए.

कानपुर: सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने बताया कि इससे पहले भी राज्य के कई स्थानों में सूफियों पर हमलों की बात सामने आई थी. इस प्रकार से देश में चरमपंथियों का दुःसाहस बढ़ रहा है, जो चिंताजनक है. पंश्चिम बंगाल में जिस तरह से वहाबियों ने खानकाह पर हमला करके ताजिया ले जाकर उसे खंडित किया उससे हुसैनियों की आस्था को गहरी ठेस पहुंची है. इसलिए ऐसी घटनाओं पर रोक लगाया जाना आवश्यक है. इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. चरमपंथी शक्तियों पर अंकुश लगाये जाने की आज बहुत ज्यादा जरूरत है.

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सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने बताया कि ग्राम चैराबसुला थाना शायनपुर पोस्ट कुल्टीगुरिया जिला पश्चिम बंगाल में वहाबी देवबंदी पंथ के मानने वाले 100 लोगों जिनमें अजीजुर्रहमान के नेतृत्व में खान, मुरसलीन खान, रुबेल अली खान, अब्दुल रहमान खान, मुबसशिर अली खान अजहरुद्दीन खान, मुईद उल इस्लाम खान, कुतुब अली खान व मसरूर अली खान आदि थे. इनके द्वारा पीर मुहीउद्दीन चिश्ती की खानकाह पर हमला कर दिया और ताजिया को उठा कर खंडित कर दिया तथा वहां लगे अलम को फाड़ दिया.

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भीड़ ने मौला अली और मौला हुसैन का नाम लेने से रोका और साथ ही यह भी कहा गया कि अब किसी ने गांव में अली और हुसैन का नाम लिया तो तुम्हारे पीर और उनकी खानकाह को जला देंगे. उन लोगों ने भरपूर कोशिश की थी कि खानकाह में मौजूद लोगों को नुकसान पहुचाएं लेकिन गेट मजबूत होने की वजह से वो लोग कुछ नहीं कर पाए. उन्होंने कहा इस रोकने को लेकर केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए.

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