कानपुर: जिले के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रथम अमुलराज सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि लोगों के पास बैंक बचत खाते के साथ एक पीएफ खाता भी होता है. इसमें वह अपनी इनकम का कुछ हिस्सा बचाकर रखते हैं. साल 2017 से 2022 तक पीएफ निकालने का तरीका (PF withdrawal method in five years Changed) बदल गया है.
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रथम अमुलराज सिंह ने बताया कि साल 2017 से पहले शहर के पांडु नगर स्थित PF कार्यालय में फॉर्म हाथों में लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ लग जाती थी. लेकिन, करीब पांच सालों बाद वह अंशदाता पूरी तरह से डिजीटल (Digital way to withdraw PF) मोड में काम करने लगे हैं. 2017 में 97 फीसद अंशदाता ऑफलाइन मोड में धन निकालने के लिए आवेदन करते थे. वहीं, 2022 में यह आंकड़ा पूरी तरह से बदल गया है और अब 97 फीसदी अंशदाता ऑनलाइन (97 percent people digital in kanpur) आवेदन करते हैं.
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अमुलराज सिंह ने बताया कि डिजिटल तरीके से जल्दी काम होने पर लोगों का विश्वास बढ़ गया है. जब कोई अंशदाता ऑनलाइन आवेदन करता है तो उसका काम अधिकतम एक हफ्ते के अंदर हो जाता है. अगर वह किसी तरह की गलती करता है, जैसे मोबाइल नंबर गलत दर्ज करा दिया हो, अपना वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) किसी से साझा कर दिया हो, तो उन केसों में फ्रॉड का डर बना रहता है. वहीं, अगर अंशदाता स्मार्ट है तो उसे अपने आवेदन की हर जानकारी अब मोबाइल पर मैसेज से तुंरत मिल जाती है. यहां तक कि वह अपना स्टेटस भी खुद देख सकता है.
ऑफलाइन अंशदाता के कैसे घटे आंकड़े: साल 2017 से 2018 तक 96.8 प्रतिशत, साल 2018 से 2019 तक 49.9 प्रतिशत, साल 2019 से 2020 तक 7.04 प्रतिशत, साल 2021 से 2022 तक 2.19 प्रतिशत इस तरह से हर साल आकड़ों में कमी आती गई. बता दें कि साल 2017-18 में 70 हजार अंशदाताओं ने ऑफलाइन पैसा निकाला था. वहीं, साल 2021-22 में छह महीने के अंदर 1.25 लाख अंशदाताओं ने (97 percent people digital in kanpur) ऑनलाइन आवेदन कर धन राशि निकाली थी.
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