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संजीत हत्याकांड: पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे विधायक सुरेंद्र मैथानी - संजीत हत्याकांड के पीड़ितों से मिले विधायक सुरेंद्र मैथानी

यूपी के कानपुर जिले में संजीत हत्याकांड की घटना के बाद से हड़कंप मचा हुआ है. हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार से नेताओं का मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी बीच बुधवार को बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और न्याय का भरोसा दिलाया.

बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी.
बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी.
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Published : Jul 29, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 8:10 PM IST

कानपुर: संजीत हत्याकांड के बाद विपक्ष का योगी सरकार पर निशाना और नेताओं का पीड़ित परिवार से मुलाकात कर ढांढस बांधना लगातार शुरु है. इसी बीच बुधवार को बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया. साथ ही परिवार की मांगों को योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने का वादा किया.

जानकारी देते बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी.

बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने आज यानी बुधवार को संजीत के परिवार से बर्रा- 5 स्थित उनके घर पर मुलाकात की. इस दौरान संजीत के परिवार वाले विधायक के सामने रोने लगे और वहीं संजीत की मां बेहोश हो गई.

विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि उन्होंने पहले दिन से ही मामले की जांच के लिए पुलिस पर दबाव बनाया. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर सीएम भी संवेदनशील है. इसी के चलते एक आईपीएस अधिकारी को निलंबित किया गया.

विधायक सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि एसएसपी ने पूरे मामले की नए सिरे से जांच शुरू कराने की जानकारी दी है. घटना को लेकर विपक्षियों के हमले पर विधायक ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि विपक्ष को लाशों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

हत्याकांड के आरोपी रामजी शुक्ला और बीजेपी नेताओं की वायरल हो रही तस्वार पर विधायक ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ लाखों लोग फोटो खिंचवाते हैं. उन्होंने कहा कि अपराधी का कोई दल नहीं होता है. संजीत हत्याकांड में आरोपी रामजी बीजेपी का सदस्य नहीं है.

यह है पूरा मामला
22 जून की रात लैब टेक्नीशियन संजीत नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथालॉजी में सैंपल देने के लिए निकला था. सैंपल देकर उसे घर जाना था, लेकिन रास्ते से ही वह लापता हो गया. गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब संजीत की कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि संजीत की बात राहुल नामक एक युवक और एक युवती सहित कई अन्य लोगों से हुई थी. पिता चमनलाल ने राहुल के खिलाफ बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपयों से भरा बैग भी अपहर्ताओं के कहने पर गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था. इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला. इसके बाद संजीत की हत्या होने की पुष्टि पुलिस ने कर दी.

पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
योगी सरकार ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव हत्याकांड में 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. इसमें आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दो दारोगा राजेश और योगेंद्र प्रताप सिंह सहित छह सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष और शिवप्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है.

इसे भी पढ़ें- कानपुर देहात अपहरण हत्याकांड: एसपी ने की पुलिसकर्मियों की तारीफ

कानपुर: संजीत हत्याकांड के बाद विपक्ष का योगी सरकार पर निशाना और नेताओं का पीड़ित परिवार से मुलाकात कर ढांढस बांधना लगातार शुरु है. इसी बीच बुधवार को बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया. साथ ही परिवार की मांगों को योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने का वादा किया.

जानकारी देते बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी.

बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने आज यानी बुधवार को संजीत के परिवार से बर्रा- 5 स्थित उनके घर पर मुलाकात की. इस दौरान संजीत के परिवार वाले विधायक के सामने रोने लगे और वहीं संजीत की मां बेहोश हो गई.

विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि उन्होंने पहले दिन से ही मामले की जांच के लिए पुलिस पर दबाव बनाया. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर सीएम भी संवेदनशील है. इसी के चलते एक आईपीएस अधिकारी को निलंबित किया गया.

विधायक सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि एसएसपी ने पूरे मामले की नए सिरे से जांच शुरू कराने की जानकारी दी है. घटना को लेकर विपक्षियों के हमले पर विधायक ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि विपक्ष को लाशों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

हत्याकांड के आरोपी रामजी शुक्ला और बीजेपी नेताओं की वायरल हो रही तस्वार पर विधायक ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ लाखों लोग फोटो खिंचवाते हैं. उन्होंने कहा कि अपराधी का कोई दल नहीं होता है. संजीत हत्याकांड में आरोपी रामजी बीजेपी का सदस्य नहीं है.

यह है पूरा मामला
22 जून की रात लैब टेक्नीशियन संजीत नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथालॉजी में सैंपल देने के लिए निकला था. सैंपल देकर उसे घर जाना था, लेकिन रास्ते से ही वह लापता हो गया. गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब संजीत की कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि संजीत की बात राहुल नामक एक युवक और एक युवती सहित कई अन्य लोगों से हुई थी. पिता चमनलाल ने राहुल के खिलाफ बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपयों से भरा बैग भी अपहर्ताओं के कहने पर गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था. इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला. इसके बाद संजीत की हत्या होने की पुष्टि पुलिस ने कर दी.

पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
योगी सरकार ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव हत्याकांड में 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. इसमें आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दो दारोगा राजेश और योगेंद्र प्रताप सिंह सहित छह सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष और शिवप्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है.

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Last Updated : Jul 29, 2020, 8:10 PM IST
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