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झांसी में हिंदू मुस्लिम कौमी एकता की मिसाल, वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का ताजिया

वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का (veerangana rani laxmibai tajia) ताजिया झांसी में हिंदू मुस्लिम कौमी एकता (jhansi hindu muslim community unity) की मिसाल पेश करता है.

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वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का ताजिया
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Published : Aug 9, 2022, 1:56 PM IST

झांसी: सांप्रदायिक सौहार्द के लिए पूरी दुनिया में झांसी मशहूर है. यहां वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का ताजिया (veerangana rani laxmibai tajia) हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करता है. मुहर्रम के पवित्र महीने में रानी लक्ष्मीबाई के नाम का भी एक ताजिया निकाला जाता है.


बताजा जाता है, कि रानी लक्ष्मीबाई ने ही इस ताजिया को स्थापित किया था. सन 1851 में इस ताजिया को रानी लक्ष्मीबाई ने शुरू किया था, जबकि उन्होंने इसकी जिम्मेदारी मौलाना वकस को सौंपी थी. आज मंगलवार को 171 साल बाद भी मौलाना वकस के खानदान द्वारा इस प्रथा को जारी रखा गया है. वर्तमान समय में इस ताजिया को मौलाना वकस के वंशज रशीद मियां तैयार करते हैं.

जानकारी देते वीरांगना ताजिया समिति के सदस्य

यह भी पढ़ें: यूपी फ्री टैबलेट योजनाः गोंडा में 108 छात्र-छात्राओं को मिले टैबलेट

रशीद मियां ने बताया कि जब महाराजा गंगाधार राव (Maharaja Gangadhar Rao) और महारानी लक्ष्मीबाई (maharani laxmibai) के पुत्र का जन्म हुआ था. उसके बाद इस ताजिया की स्थापना करवाई गई थी. महारानी लक्ष्मीबाई ने रानी महल में इस ताजिया को स्थापित किया था. उनके देहांत के बाद जब अंग्रेजों का झांसी पर कब्जा हुआ, तो उन्होंने इस ताजिया पर रोक लगाने का प्रयास किया, लेकिन उस समय भी मौलाना वकस के वंशजों ने यह ताजिया बनाया.
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झांसी: सांप्रदायिक सौहार्द के लिए पूरी दुनिया में झांसी मशहूर है. यहां वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का ताजिया (veerangana rani laxmibai tajia) हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करता है. मुहर्रम के पवित्र महीने में रानी लक्ष्मीबाई के नाम का भी एक ताजिया निकाला जाता है.


बताजा जाता है, कि रानी लक्ष्मीबाई ने ही इस ताजिया को स्थापित किया था. सन 1851 में इस ताजिया को रानी लक्ष्मीबाई ने शुरू किया था, जबकि उन्होंने इसकी जिम्मेदारी मौलाना वकस को सौंपी थी. आज मंगलवार को 171 साल बाद भी मौलाना वकस के खानदान द्वारा इस प्रथा को जारी रखा गया है. वर्तमान समय में इस ताजिया को मौलाना वकस के वंशज रशीद मियां तैयार करते हैं.

जानकारी देते वीरांगना ताजिया समिति के सदस्य

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रशीद मियां ने बताया कि जब महाराजा गंगाधार राव (Maharaja Gangadhar Rao) और महारानी लक्ष्मीबाई (maharani laxmibai) के पुत्र का जन्म हुआ था. उसके बाद इस ताजिया की स्थापना करवाई गई थी. महारानी लक्ष्मीबाई ने रानी महल में इस ताजिया को स्थापित किया था. उनके देहांत के बाद जब अंग्रेजों का झांसी पर कब्जा हुआ, तो उन्होंने इस ताजिया पर रोक लगाने का प्रयास किया, लेकिन उस समय भी मौलाना वकस के वंशजों ने यह ताजिया बनाया.
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