गोरखपुर: बारिश की वजह से पैदा हुई इस समस्या के निदान में नगर निगम प्रशासन हो या फिर जिला प्रशासन सब पूरी तरह फेल नजर आ रहे हैं. समस्या गोरखपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्र की कॉलोनियों से सटे हुए मोहल्ले भरवालिया बुजुर्ग, रुस्तमपुर, कजाकपुर में भी देखने को मिल रही है तो नगर निगम की लापरवाही के कारण वसुंधरा नगर, प्रज्ञा नगर, गोरक्ष नगर, सिंघड़िया, मालवीय नगर और कूड़ाघाट क्षेत्र का निचला इलाका भी पानी से भरा हुआ है.
लोगों की यह समस्या एक-दो दिन की नहीं है. लोग मई माह से लेकर अब तक परेशान हैं. बारिश का सिलसिला जारी है. ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता, जब जोरदार बारिश न हो रही हो. यही वजह है कि इन मोहल्लों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है.
लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे और पहल पर भी सवाल खड़ा किया. लोगों ने कहा कि योगी इस समस्या को बरसों से जानते हैं. उसे दूर करने की बात भी करते हैं लेकिन उनके साढ़े 4 साल के कार्यकाल में भी जलभराव, जल निकासी की समस्या जस की तस बनी रही. करीब बीस वर्षों से यह समस्या बनी हुई है. पीड़ित महिलाएं कहती हैं कि गांव में थे तो पैर में कीचड़ नहीं लगा, लेकिन शहर में आकर कीचड़, गंदगी और कमर तक पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है.
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समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कीर्तिनिधि पांडेय कहते हैं कि यह नजारा तो शहर का है, जहां सरकार की व्यवस्था लड़खड़ा रही है. पूर्व की एक योजना पर भी अगर नजर डाली जाए तो वह भी धराशाई ही मिलेगी. इसमें मुख्यमंत्री समेत उनके विधायक और जिला स्तरीय अधिकारियों ने एक-एक गांव को गोद लिया था. यहां विकास समेत जनहित की योजनाओं को पूरी तरह से लागू करना था लेकिन वहां भी यह सब नहीं हो पाया.