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सीएम सिटी के लोगों की 20 साल से नहीं दूर हुई परेशानी, कई कॉलोनियों में कमर तक भरा पानी - up news in hindi

बारिश ने सीएम सिटी के लोगों का जीवन नारकीय बना दिया है. करीब दर्जनभर मोहल्ले ऐसे हैं, जहां के घरों में बारिश के साथ नाली का गंदा पानी घुस गया है. लोग घुटने से लेकर कमर तक पानी में जरूरी चीजों के लिए घर से निकलने को मजबूर हैं. लोगों की इस समस्या का हल 20 साल बाद भी नहीं निकल पाया है.

waterlogging after rains became problem for residents in gorakhpur
waterlogging after rains became problem for residents in gorakhpur
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Published : Aug 23, 2021, 6:49 PM IST

गोरखपुर: बारिश की वजह से पैदा हुई इस समस्या के निदान में नगर निगम प्रशासन हो या फिर जिला प्रशासन सब पूरी तरह फेल नजर आ रहे हैं. समस्या गोरखपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्र की कॉलोनियों से सटे हुए मोहल्ले भरवालिया बुजुर्ग, रुस्तमपुर, कजाकपुर में भी देखने को मिल रही है तो नगर निगम की लापरवाही के कारण वसुंधरा नगर, प्रज्ञा नगर, गोरक्ष नगर, सिंघड़िया, मालवीय नगर और कूड़ाघाट क्षेत्र का निचला इलाका भी पानी से भरा हुआ है.

गोरखपुर में बारिश के बाद जलभराव की समस्या

लोगों की यह समस्या एक-दो दिन की नहीं है. लोग मई माह से लेकर अब तक परेशान हैं. बारिश का सिलसिला जारी है. ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता, जब जोरदार बारिश न हो रही हो. यही वजह है कि इन मोहल्लों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है.

कॉलोनियों में भरा पानी
कॉलोनियों में भरा पानी
निगम के अधिकारी जल निकासी के लिए मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं लेकिन कैमरे पर आकर कोई जवाब देना नहीं चाहते. नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि व्यवस्था पर प्रकृति की मार भारी पड़ रही है. जो संसाधान उपलब्ध हैं, उनसे जलभराव को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब तारामंडल रोड पर बसी हुई कालोनियों में पहुंची तो सभी परेशान नजर आए.
20 साल से नहीं दूर हुई गोरखपुर के लोगों की ये समस्या
20 साल से नहीं दूर हुई गोरखपुर के लोगों की ये समस्या

लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे और पहल पर भी सवाल खड़ा किया. लोगों ने कहा कि योगी इस समस्या को बरसों से जानते हैं. उसे दूर करने की बात भी करते हैं लेकिन उनके साढ़े 4 साल के कार्यकाल में भी जलभराव, जल निकासी की समस्या जस की तस बनी रही. करीब बीस वर्षों से यह समस्या बनी हुई है. पीड़ित महिलाएं कहती हैं कि गांव में थे तो पैर में कीचड़ नहीं लगा, लेकिन शहर में आकर कीचड़, गंदगी और कमर तक पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है.

जलभराव के कारण दुकान पर पहुंचने में परेशानी
जलभराव के कारण दुकान पर पहुंचने में परेशानी
देखा जाए तो यह जलभराव, बरसात से पहले नगर निगम प्रशासन द्वारा किए जाने वाले कार्यों में लापरवाही का ही नतीजा है. साथ ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण भी इसके लिए उतना ही उत्तरदायी है. यह दोनों संस्थाएं अगर नालों और नालियों की सही समय पर सफाई करवा लेते तो लोगों को इस साल परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
गोरखपुर की कई कॉलोनियों में भरा पानी
गोरखपुर की कई कॉलोनियों में भरा पानी

ये भी पढ़ें- सपा ने लिखा- 'भाजपा हटाओ, औलाद बचाओ' तो बीजेपी ने दिया ये जवाब...

समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कीर्तिनिधि पांडेय कहते हैं कि यह नजारा तो शहर का है, जहां सरकार की व्यवस्था लड़खड़ा रही है. पूर्व की एक योजना पर भी अगर नजर डाली जाए तो वह भी धराशाई ही मिलेगी. इसमें मुख्यमंत्री समेत उनके विधायक और जिला स्तरीय अधिकारियों ने एक-एक गांव को गोद लिया था. यहां विकास समेत जनहित की योजनाओं को पूरी तरह से लागू करना था लेकिन वहां भी यह सब नहीं हो पाया.

गोरखपुर: बारिश की वजह से पैदा हुई इस समस्या के निदान में नगर निगम प्रशासन हो या फिर जिला प्रशासन सब पूरी तरह फेल नजर आ रहे हैं. समस्या गोरखपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्र की कॉलोनियों से सटे हुए मोहल्ले भरवालिया बुजुर्ग, रुस्तमपुर, कजाकपुर में भी देखने को मिल रही है तो नगर निगम की लापरवाही के कारण वसुंधरा नगर, प्रज्ञा नगर, गोरक्ष नगर, सिंघड़िया, मालवीय नगर और कूड़ाघाट क्षेत्र का निचला इलाका भी पानी से भरा हुआ है.

गोरखपुर में बारिश के बाद जलभराव की समस्या

लोगों की यह समस्या एक-दो दिन की नहीं है. लोग मई माह से लेकर अब तक परेशान हैं. बारिश का सिलसिला जारी है. ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता, जब जोरदार बारिश न हो रही हो. यही वजह है कि इन मोहल्लों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है.

कॉलोनियों में भरा पानी
कॉलोनियों में भरा पानी
निगम के अधिकारी जल निकासी के लिए मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं लेकिन कैमरे पर आकर कोई जवाब देना नहीं चाहते. नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि व्यवस्था पर प्रकृति की मार भारी पड़ रही है. जो संसाधान उपलब्ध हैं, उनसे जलभराव को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब तारामंडल रोड पर बसी हुई कालोनियों में पहुंची तो सभी परेशान नजर आए.
20 साल से नहीं दूर हुई गोरखपुर के लोगों की ये समस्या
20 साल से नहीं दूर हुई गोरखपुर के लोगों की ये समस्या

लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे और पहल पर भी सवाल खड़ा किया. लोगों ने कहा कि योगी इस समस्या को बरसों से जानते हैं. उसे दूर करने की बात भी करते हैं लेकिन उनके साढ़े 4 साल के कार्यकाल में भी जलभराव, जल निकासी की समस्या जस की तस बनी रही. करीब बीस वर्षों से यह समस्या बनी हुई है. पीड़ित महिलाएं कहती हैं कि गांव में थे तो पैर में कीचड़ नहीं लगा, लेकिन शहर में आकर कीचड़, गंदगी और कमर तक पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है.

जलभराव के कारण दुकान पर पहुंचने में परेशानी
जलभराव के कारण दुकान पर पहुंचने में परेशानी
देखा जाए तो यह जलभराव, बरसात से पहले नगर निगम प्रशासन द्वारा किए जाने वाले कार्यों में लापरवाही का ही नतीजा है. साथ ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण भी इसके लिए उतना ही उत्तरदायी है. यह दोनों संस्थाएं अगर नालों और नालियों की सही समय पर सफाई करवा लेते तो लोगों को इस साल परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
गोरखपुर की कई कॉलोनियों में भरा पानी
गोरखपुर की कई कॉलोनियों में भरा पानी

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समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कीर्तिनिधि पांडेय कहते हैं कि यह नजारा तो शहर का है, जहां सरकार की व्यवस्था लड़खड़ा रही है. पूर्व की एक योजना पर भी अगर नजर डाली जाए तो वह भी धराशाई ही मिलेगी. इसमें मुख्यमंत्री समेत उनके विधायक और जिला स्तरीय अधिकारियों ने एक-एक गांव को गोद लिया था. यहां विकास समेत जनहित की योजनाओं को पूरी तरह से लागू करना था लेकिन वहां भी यह सब नहीं हो पाया.

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