गोरखपुर: जनपद में जिला प्रशासन और जिला बाढ़ आपदा प्रबंधन की टीम पूरी तरह से सक्रिय हो गई है. जिले के 147 गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इसलिए प्रबंधन की इन गांवों पर गंभीर नजर बनी हुई है. यह सभी 147 गांव संवेदनशील ग्रामीण इलाकों की श्रेणी में आते हैं. यहां बाढ़ का खतरा ज्यादा रहता है.
इन गांवों में जिलाधिकारी ने पहले से ही नाव को लगाने की व्यवस्था किए जाने का निर्देश दे दिया है. आवागमन बेहतर हो इसके लिए जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. गोरखपुर क्षेत्र 6 नदियों से घिर हुआ है. इन नदियों के पानी का बहाव और दबाव दोनों पर निगरानी रखी जा रही है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग के साथ सिंचाई और केंद्रीय जल आयोग की टीम कार्य में जुटी है. फिलहाल सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. सोमवार (4 जुलाई) को अयोध्या पुल पर सुबह सरयू का जलस्तर 91.24 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि नदी के खतरे का बिंदु 92.73 मीटर है. वहीं, गंडक नदी विभाग के मुख्य अभियंता समेत राजस्व और स्वास्थ विभाग की टीम भी सक्रिय हो गई है. बाढ़ चौकियों पर अभी से तैनाती जारी है.
गौतम गुप्ता ने बताया कि सभी बाढ़ चौकी, राहत केंद्र और राहत शिविर को चिह्नित कर लिया गया है. इन्हें आवश्यकतानुसार संचालित किया जाएगा. सभी तहसील और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम संचालित हो गए हैं. राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी, एसएसबी को अलर्ट किया गया है. इसके अलावा एयरफोर्स के साथ भी संबंध स्थापित किया गया है.
7 जुलाई को एक मेगा मॉक ड्रिल होगा. इससे बाढ़ बचाव में काफी मदद मिलेगी. आपदा मित्र परियोजना के तहत दो सौ स्वयंसेवकों को चिह्नित कर 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. कुल 86 बाढ़ चौकियां स्थापित हुई हैं और 83 राहत शिविर बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जिले में 397 नाव उपलब्ध हैं. इसके बावजूद प्रयागराज और अन्य जगहों से बड़ी नाव और मोटर बोट को भी समय के साथ मंगा लिया जाएगा.
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