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गोरखपुर: राजकीय बौद्ध संग्रहालय में हुआ 'लोकोत्सव' का आयोजन - सांस्कृतिक कार्यक्रम

गोरखपुर में संस्कृति विभाग की तरफ से राजकीय बौद्ध संग्रहालय में 'लोकोत्सव' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कलाकारों ने विभिन्न प्रकार के कर्यक्रम प्रस्तुत किए. मशहूर लोक गायिका चेता सिंह ने अपने लोक गायन से सभी का मन मोह लिया.

गोरखपुर में 'लोकोत्सव' का आयोजन हुआ
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Published : Mar 20, 2019, 2:59 PM IST

गोरखपुर: रंगो के त्योहार होली की जब बात हो तब लोगों को मजा करने और आनंद उठाने का खूब मौका मिलता है. कलाकारों के लिए भी यह त्यौहार एक अलग ही उत्सव लेकर आता है क्योंकि इस दौरान उनकी खूब डिमांड बढ़ती है. मंगलवार की शाम गोरखपुर में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश की तरफ से राजकीय बौद्ध संग्रहालय में 'लोकोत्सव' कार्यक्रम का आयोजन हुआ. क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से माहौल में समां बांधा लिया. गीत-संगीत के इस कार्यक्रम से लोकोत्सव में जान आ गई. सभागार में मौजूद दर्शक और श्रोता कलाकारों की प्रस्तुति पर तालियां बजाते रहे और गोता लगाते रहे.

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ. इसके बाद मशहूर लोक गायिका चेता सिंह ने अपने लोक गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. यही नहीं, उन्होंने इस दौरान 'चैता गीत' से भी समां बांधा. कार्यक्रम में नृत्य से जुड़े कलाकरों की प्रस्तुति भी लाजवाब रही. कृष्ण के संग गोपियों के रास और उनके होली खेलने के अंदाज को कलाकारों ने मंच पर ऐसा परोसा जैसे लगा कि भगवान कृष्ण, गोपियों संग ब्रज में होली खेलने उतर आए हैं. कलाकारों ने इस दौरान अबीर गुलाल उड़ाए और एक दूसरे को रंग भी लगाया.

गोरखपुर में 'लोकोत्सव' का आयोजन हुआ

संस्कृति विभाग की ओर से संस्कृति और विरासत के संरक्षण के साथ परंपरा को जीवंत करने का यह प्रयास बेहद आकर्षक था. कार्यक्रम के प्रभारी ने इसकी खूब तारीफ की. साथ ही कलाकरों ने कहा कि हर इंसान को चाहिए कि वह अपनी इस संस्कृति को हमेशा साफ और सुथरा रखने का प्रयास करें. इस आयोजन ने गोरखपुर क्षेत्र में लोक कला की समृद्धशाली ताकत को भी प्रदर्शित किया है.

कार्यक्रम में पारंपरिक 'फरुआही' की प्रस्तुति से पुरुष समाज द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विशेष नृत्य का भी लोगों ने भरपूर आनंद उठाया. यह आयोजन जहां लोगों के मनोरंजन का साधन बना तो कलाकारों को भी इससे छोटी-मोटी आमदनी हुई. त्यौहार के मौसम में आनंद और प्रतिभा के प्रदर्शन का यह मौका लोगों में नई ऊर्जा का संचार पैदा कर गया.

गोरखपुर: रंगो के त्योहार होली की जब बात हो तब लोगों को मजा करने और आनंद उठाने का खूब मौका मिलता है. कलाकारों के लिए भी यह त्यौहार एक अलग ही उत्सव लेकर आता है क्योंकि इस दौरान उनकी खूब डिमांड बढ़ती है. मंगलवार की शाम गोरखपुर में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश की तरफ से राजकीय बौद्ध संग्रहालय में 'लोकोत्सव' कार्यक्रम का आयोजन हुआ. क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से माहौल में समां बांधा लिया. गीत-संगीत के इस कार्यक्रम से लोकोत्सव में जान आ गई. सभागार में मौजूद दर्शक और श्रोता कलाकारों की प्रस्तुति पर तालियां बजाते रहे और गोता लगाते रहे.

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ. इसके बाद मशहूर लोक गायिका चेता सिंह ने अपने लोक गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. यही नहीं, उन्होंने इस दौरान 'चैता गीत' से भी समां बांधा. कार्यक्रम में नृत्य से जुड़े कलाकरों की प्रस्तुति भी लाजवाब रही. कृष्ण के संग गोपियों के रास और उनके होली खेलने के अंदाज को कलाकारों ने मंच पर ऐसा परोसा जैसे लगा कि भगवान कृष्ण, गोपियों संग ब्रज में होली खेलने उतर आए हैं. कलाकारों ने इस दौरान अबीर गुलाल उड़ाए और एक दूसरे को रंग भी लगाया.

गोरखपुर में 'लोकोत्सव' का आयोजन हुआ

संस्कृति विभाग की ओर से संस्कृति और विरासत के संरक्षण के साथ परंपरा को जीवंत करने का यह प्रयास बेहद आकर्षक था. कार्यक्रम के प्रभारी ने इसकी खूब तारीफ की. साथ ही कलाकरों ने कहा कि हर इंसान को चाहिए कि वह अपनी इस संस्कृति को हमेशा साफ और सुथरा रखने का प्रयास करें. इस आयोजन ने गोरखपुर क्षेत्र में लोक कला की समृद्धशाली ताकत को भी प्रदर्शित किया है.

कार्यक्रम में पारंपरिक 'फरुआही' की प्रस्तुति से पुरुष समाज द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विशेष नृत्य का भी लोगों ने भरपूर आनंद उठाया. यह आयोजन जहां लोगों के मनोरंजन का साधन बना तो कलाकारों को भी इससे छोटी-मोटी आमदनी हुई. त्यौहार के मौसम में आनंद और प्रतिभा के प्रदर्शन का यह मौका लोगों में नई ऊर्जा का संचार पैदा कर गया.

Intro:गोरखपुर। रंगो का त्यौहार होली, लोगों को मजा करने और आनंद उठाने का खूब मौका देता है। कलाकारों के लिए भी यह त्यौहार एक उत्सव लेकर आता है क्योंकि इस दौरान उनकी खूब डिमांड बढ़ती है। मंगलवार की शाम गोरखपुर में संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश की तरफ से राजकीय बौद्ध संग्रहालय में आयोजित हुए 'लोकोत्सव' कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से माहौल में समा बांध दिया। गीत-संगीत के इस कार्यक्रम से लोकउत्सव में जान आ गई। जिसकी देन थी कि सभागार में मौजूद दर्शक और श्रोता कलाकारों की प्रस्तुति पर तालियां बजाते रहे और गोता लगाते रहे।

नोट--डेस्क प्लीज इस पैकेज में नेचुरल गायन को बने रहने दीजियेगा। पैकेज में जान आ जायेगी।


Body:कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद मशहूर लोक गायिका चेता सिंह ने अपने लोक गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने जैसे ही 'रंग फागुन बसंती रंगा गइलअ राम, जियरा बलम बिनु तरसे ला' का अभी तान ही छेड़ा था कि लोग तालियां बजाने और झूमने लगे। यही नहीं उन्होंने इस दौरान 'चैता गीत' से भी शमां बाधा। कार्यक्रम में नृत्य से जुड़े कलाकरों की प्रस्तुति भी लाजवाब रही। कृष्ण के संग गोपियों के रास और उनके होली खेलने के अंदाज को कलाकारों ने मंच पर ऐसा परोसा जैसे लगा कि भगवान कृष्ण, गोपियों संग ब्रज में होली खेलने उतर आए हैं। कलाकारों ने इस दौरान अबीर गुलाल उड़ाए। एक दूसरे को मोहब्बत के रंग भी लगाएं। संस्कृति विभाग द्वारा संस्कृति और विरासत के संरक्षण के साथ परंपरा को जीवंत करने का जो यह प्रयास हुआ वह बेहद आकर्षक रहा, यही वजह थी कि कार्यक्रम के प्रभारी ने इसकी जमकर तारीफ की तो कलाकरों ने कहा कि हर इंसान को चाहिए कि वह अपनी इस संस्कृति को हमेशा साफ और सुथरा रखने का प्रयास करे।

बाइट- डॉ मनोज कुमार गौतम, उप निदेशक, सांस्कृतिक केंद्र
बाइट-चेता सिंह, लोक गायिका


Conclusion:इस आयोजन ने गोरखपुर क्षेत्र में लोक कला की समृद्धशाली ताकत को भी प्रदर्शित किया। जहां के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में पारंपरिक 'फरुआही' की प्रस्तुति से पुरुष समाज द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विशेष नृत्य का भी लोगों ने भरपूर आनंद उठाया। छेदी यादव की अगुआई में उनकी टीम ने जो नृत्य प्रस्तुत किया वह कमाल का था। यह आयोजन जहां लोगों के मंरोजन का साधन बना तो कलाकारों को भी इससे छोटी-मोटी आमदनी हुई। त्योहार के मौसम में आनंद और प्रतिभा के प्रदर्शन का यह मौका लोगों में नई ऊर्जा का संचार कर गया तो उभरते कलाकारों को संजीवनी।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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