गोरखपुर: देश आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव (azadi ka amrit mahotsav) के रूप में मना रहा है. सरकार इस अवसर को तिरंगे झंडे के सम्मान के साथ जोड़ने के लिए हर घर तिरंगा (har ghar tiranga) अभियान चला रहा है. यह अभियान 11-17 अगस्त तक पूरे देश में चलाया जाएगा. इस दौरान हर घर पर तिरंगा झंडा लगाए जाएगा. इसके साथ ही तिरंगे के निर्माण का मूल केंद्र रहे गांधी आश्रमों के प्रयास को भी नकारा नहीं जा सकता, जहां तिरंगे को पूरे समर्पण भाव के साथ तैयार किया जाता है. इसमें सूत कातने से लेकर रंगाई, सिलाई, छपाई और कटाई सब शामिल है.
तिरंगे झंडे को तैयार करने में गोरखपुर क्षेत्रीय गांधी आश्रम के कारखाने का बड़ा रोल है. यह कारखाना आनंद नगर बाजार में स्थित है. मौजूदा समय में यहां पर 15 अगस्त और आजादी के अमृत महोत्सव के चलते तिरंगे झंडे की डिमांड बढ़ी है. इसको देखते हुए बड़े पैमाने पर तिरंगा बनाने का कार्य तेजी से हो रहा है. गांधी आश्रम को अपने विभिन्न बिक्री केंद्रों के अलावा झारखंड, उत्तराखंड, हरियाणा से भी तिरंगे की डिमांड हो रही है. इसकी आपूर्ति के लिए गांधी आश्रम में तेजी से काम हो रहा है.
बढ़ी है गांधी आश्रम के तिरंगे की डिमांड
इस बीच गांधी आश्रम के सचिव के रूप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल का एक पत्र झंडों को तैयार किए जाने को लेकर क्षेत्रीय कार्यालयों को मिला है. हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अभी गांधी आश्रम से झंडे खरीदे जाने को लेकर कोई अनुबंध या पत्राचार नहीं हुआ है. लेकिन, उत्तराखंड सरकार ने गांधी आश्रम को करीब 20 लाख तिरंगे झंडे के आडर्र विभिन्न आकार और साइज में दिया है. इसको खरीदने के लिए गोरखपुर गांधी आश्रम में देहरादून गांधी आश्रम के क्षेत्रीय मंत्री पहुंच भी चुके हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि सेना मुख्यालय पर भी जो सबसे बड़े आकार का झंडा फहराया जाएगा. उसकी डिमांड देहरादून गांधी आश्रम को मिली है.
सुधर सकती है आर्थिक हालत
गोरखपुर क्षेत्रीय गांधी आश्रम के मंत्री विशेश्वर तिवारी ने इस पर कहा कि उनके पास करीब 28 करोड़ रुपये के कपड़े का भंडारण है. अगर समय से तिरंगे झंडे को तैयार करने के साथ खरीद की डिमांड मिली होती तो गांधी आश्रम की भी आर्थिक हालत सुधर जाती. साथ ही डंप कपड़ों की भी बिक्री हो जाती. फिर भी जिन प्रदेशों से और जहां-जहां से भी उन्हें ऑर्डर मिले हैं, उसको लेकर गांधी आश्रम में इस समय तिरंगे झंडे को बनाने का कार्यक्रम तेजी से चल रहा है.
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गांधी आश्रम के तिरंगे का महत्व बेहद खास
गौरतलब है कि गांधी आश्रम में तैयार हो रहे खादी के झंडे थोड़े महंगे तो जरूर हैं. लेकिन, इसके साथ जो भावनाएं और कल्पना जुड़ी हुई हैं, वह तिरंगे के महत्व को बढ़ा देती है. यहां कुल 4 साइज में तिरंगे का निर्माण होता है. इसमें तीनों रंग के टिकाऊपन पर भी खास जोर दिया जाता है, जिससे यह धुलने या अन्य कारणों से खराब न हों. झंडे के बीच में चक्र की छपाई का कार्य भी पूरी सावधानी से किया जाता है. इसमें सबसे अधिक मूल्य का झंडा करीब 1200 रुपये का है. इसका साइज 6 फीट लंबा और 4 फीट चौड़ा है. इसी प्रकार अन्य तीनों साइज के झंडे 400 से लेकर 900 रुपये की कीमत के हैं.
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