गोरखपुर: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और उनके कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जिला अधिवक्ता एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने मजिस्ट्रेट कार्यालय का बहिष्कार करते हुए जिलाधिकारी और शासन से मामले में जांच की मांग की है.
जिला अधिवक्ता एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुलदीप मीणा, जिनके ऊपर सदर एसडीएम की भी जिम्मेदारी है. कार्यालय में न्यायिक अराजकता, विधि विरुद्ध कार्य और प्रतिकूल निर्णय किया जा रहा है. यह नियम के खिलाफ है. वहीं, अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करते हुए न्याय व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन की मांग की है.
अध्यक्ष कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि छह महीने से अधिवक्ता समूह इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहा है. पूर्व के जिलाधिकारी ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को इस मामले में एक बार हिदायत दी थी. लेकिन, उनके कार्य व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्व के मामले में धारा 80 जिसके तहत लैंड यूज में परिवर्तन किया जाता है. यह परिवर्तन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कार्यालय में ऐसे लोगों का तभी संभव हो पा रहा है, जब इस कार्यालय को घूस के रूप में मोटी रकम मिल रही है.
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अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जॉइंट मजिस्ट्रेट ऐसे मामलों में खुद लिप्त हैं और उनके कार्यालय का पेशकार सुबोध श्रीवास्तव इस काम को उनके स्थान पर आगे बढ़ाता है. धारा 38 और 24 के मुकदमे में भी यही घोटाला हो रहा है. सोमवार को (18 जुलाई) इस मामले में डीएम को भी उनके प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर अवगत करा दिया है. अधिवक्ताओं ने जॉइंट मजिस्ट्रेट और उनके पेशकार के तबादले की मांग की है.
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