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गाजियाबाद: ESI हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप

ESI हॉस्पिटल की महिला मेडिकल ऑफिसर डॉ. शकुंतला कुरील पर आरोप लगा है कि उन्होंने दवाओं का बिल पास करने के लिए मरीज से कई हजार रुपये लिए और रुपये लेने के बाद मरीज का काम नहीं किया.

महिला डॉक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप.
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Published : Sep 30, 2019, 11:52 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर के ESI हॉस्पिटल की महिला मेडिकल ऑफिसर डॉ. शकुंतला कुरील पर गंभीर आरोप लगा है. उन पर आरोप है कि दवाओं का बिल पास करने के लिए मरीज से कई हजार रुपये लिए और रुपये लेने के बाद मरीज का काम नहीं किया.

महिला डॉक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप.

'शाम को नहीं मिलती हैं डॉक्टर साहिबा'
अब मरीज अपने काम के लिए सुबह शाम चक्कर काट रहा है, लेकिन डॉ. शकुंतला कुरील से मुलाकात नहीं हो पा रही है. पीड़ित मरीज का कहना है कि जब भी वह हॉस्पिटल जाता है तो वहां पर डॉक्टर नहीं सिर्फ स्टाफ के लोग ही मिलते हैं.

नहीं हुई ठोस कार्रवाई
पीड़ित की माने तो सुबह नौ बजे तक भी डॉ. शकुंतला नहीं आती हैं, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ड्यूटी पर न आने की बात पर कुछ लोगों ने ESI के डॉयरेक्टर को शिकायत की थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए डॉयरेक्टर ने गाजियाबाद CMO से दो दिन पहले जांच कराई थी. CMO की जांच के बाद पता चला कि डॉ. शकुंतला कुरील शाम को आती ही नहीं हैं, लेकिन किसी ठोस कार्रवाई की वजह से डॉक्टर का पुराना रवैया बना हुआ है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर के ESI हॉस्पिटल की महिला मेडिकल ऑफिसर डॉ. शकुंतला कुरील पर गंभीर आरोप लगा है. उन पर आरोप है कि दवाओं का बिल पास करने के लिए मरीज से कई हजार रुपये लिए और रुपये लेने के बाद मरीज का काम नहीं किया.

महिला डॉक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप.

'शाम को नहीं मिलती हैं डॉक्टर साहिबा'
अब मरीज अपने काम के लिए सुबह शाम चक्कर काट रहा है, लेकिन डॉ. शकुंतला कुरील से मुलाकात नहीं हो पा रही है. पीड़ित मरीज का कहना है कि जब भी वह हॉस्पिटल जाता है तो वहां पर डॉक्टर नहीं सिर्फ स्टाफ के लोग ही मिलते हैं.

नहीं हुई ठोस कार्रवाई
पीड़ित की माने तो सुबह नौ बजे तक भी डॉ. शकुंतला नहीं आती हैं, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ड्यूटी पर न आने की बात पर कुछ लोगों ने ESI के डॉयरेक्टर को शिकायत की थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए डॉयरेक्टर ने गाजियाबाद CMO से दो दिन पहले जांच कराई थी. CMO की जांच के बाद पता चला कि डॉ. शकुंतला कुरील शाम को आती ही नहीं हैं, लेकिन किसी ठोस कार्रवाई की वजह से डॉक्टर का पुराना रवैया बना हुआ है.

Intro:
मोदीनगर ESI हास्पीटल की महिला मैडिकल आफिसर इंचार्ज,डाक्टर शकुंतला कुरील पर लगाया गया आरोप,की दवाओं का बिल पास करने के लिए मरीज से लिए कई हजार रुपये,और रूपये लेने के बाद भी, नहीं किया मरीज का कार्य, अब मरीज अपने काम के लिए, सुबह शाम काट रहा है औषधालय के चक्कर, लेकिन डाक्टर शकुंतला कुरील से नहीं हो पा रही है मुलाकात,क्योंकि पीड़ित मरीज का कहना है कि,जब भी वह औषधालय जाता है तो,वहां पर डाक्टर तो नहीं मिलती,सिर्फ स्टाफ के लोग ही मिलते हैं, पीड़ित की मानें तो,सुबह नौ बजे तक भी डाक्टरनी नहीं आती,और शाम को तो कभी आती ही नहीं,जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है,ड्यूटी पर ना आने की बात को लेकर कुछ लोगों ने ESI के डायरेक्टर को की थी कम्पलेड,जिस पर संज्ञान लेते हुए,डायरेक्टर ने गाजियाबाद CMO के द्वारा दो दिन पहले जांच कराई थी कि क्या सही मायने में ही, डाक्टरनी औषधालय नहीं जाती हैं।लेकिन CMO की जांच के बाद पाया गया था कि मामला सत्य है,शाम को डाक्टरनी ड्यूटी पर आती ही नहीं है।लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण, डाक्टर का रवैय्या जैसे का तैसा है।
Body:गाजियाबाद मोदीनगर ESI हास्पीटल के औषधालय का कारनामा


मोदीनगर ESI हास्पीटल की महिला मैडिकल आफिसर इंचार्ज,डाक्टर शकुंतला कुरील पर लगाया गया आरोप,की दवाओं का बिल पास करने के लिए मरीज से लिए कई हजार रुपये,और रूपये लेने के बाद भी, नहीं किया मरीज का कार्य, अब मरीज अपने काम के लिए, सुबह शाम काट रहा है औषधालय के चक्कर, लेकिन डाक्टर शकुंतला कुरील से नहीं हो पा रही है मुलाकात,क्योंकि पीड़ित मरीज का कहना है कि,जब भी वह औषधालय जाता है तो,वहां पर डाक्टर तो नहीं मिलती,सिर्फ स्टाफ के लोग ही मिलते हैं, पीड़ित की मानें तो,सुबह नौ बजे तक भी डाक्टरनी नहीं आती,और शाम को तो कभी आती ही नहीं,जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है,ड्यूटी पर ना आने की बात को लेकर कुछ लोगों ने ESI के डायरेक्टर को की थी कम्पलेड,जिस पर संज्ञान लेते हुए,डायरेक्टर ने गाजियाबाद CMO के द्वारा दो दिन पहले जांच कराई थी कि क्या सही मायने में ही, डाक्टरनी औषधालय नहीं जाती हैं।लेकिन CMO की जांच के बाद पाया गया था कि मामला सत्य है,शाम को डाक्टरनी ड्यूटी पर आती ही नहीं है।लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण, डाक्टर का रवैय्या जैसे का तैसा है।
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि डाक्टर को आने की भी क्या जरूरत है नौ बजे आती है चार पांच लोगों की मैडिकल छुट्टी काटने के नाम पर तीन - तीन चार - चार सौ रुपये लेकर चली जाती है।और शाम को आने की जरूरत नहीं पड़ती।लोगों का यहां तक भी कहना है कि हो सकता है पैसा ऊंचे अधिकारियों पर भी जाता होगा इसलिए डाक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।अब देखना होगा कि आलाधिकारी डाक्टर पर अब कोई ठोस कार्रवाई करते हैं या ऐसे ही अपनी महिला डाक्टर को बचाने की कोशिश करते हैं।डाक्टर द्वारा सताए हुए एक पीड़ित का ब्यान।
Conclusion:
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि डाक्टर को आने की भी क्या जरूरत है नौ बजे आती है चार पांच लोगों की मैडिकल छुट्टी काटने के नाम पर तीन - तीन चार - चार सौ रुपये लेकर चली जाती है।और शाम को आने की जरूरत नहीं पड़ती।लोगों का यहां तक भी कहना है कि हो सकता है पैसा ऊंचे अधिकारियों पर भी जाता होगा इसलिए डाक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।अब देखना होगा कि आलाधिकारी डाक्टर पर अब कोई ठोस कार्रवाई करते हैं या ऐसे ही अपनी महिला डाक्टर को बचाने की कोशिश करते हैं।डाक्टर द्वारा सताए हुए एक पीड़ित का ब्यान।
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