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महाकुंभ मेला ; चेन्नई से पहुंचे श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, बोले-अब हम पवित्र हो गए - MAHA KUMBH 2025

पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के बाद अब मौनी अमावस्या के स्नान की तैयारियों की प्लानिंग में जुटा मेला प्रशासन.

चेन्नई से पहुंचे श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी.
चेन्नई से पहुंचे श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 6:09 PM IST

प्रयागराज: संगम में डुबकी लगाने के लिए देशभर से श्रद्धालुओं का आना जारी है. पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के बाद देश-विदेश से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम (गंगा-यमुना- सरस्वती) में डुबकी लगा रहे हैं. लोग दुर्लभ महाकुंभ की घड़ी में आस्था की डुबकी लगाकर अपने को धन्य मान रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार सुबह दक्षिण भारत के शहर चेन्नई से श्रद्धालुओं का जत्था यहां पहुंचा और संगम में स्नान किया. संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में श्रद्धालुओं ने संगम स्नान का अनुभव और महत्व साझा किया. श्रद्धालुओं का है कि संगम में स्नान करने के बाद अब हम पवित्र हो गए हैं. भगवान शिव और गंगा मैया के दर्शन करने के बाद अब भगवान श्रीराम के अयोध्या मंदिर दर्शन को भी जाएंगे.

मौनी अमावस्या स्नान की तैयारी तेज

पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के बाद अब मौनी अमावस्या के स्नान (29 जनवरी) को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. इसके लिए मेला प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. मौनी अमवस्या स्नान पर्व पर सबसे ज्यादा सात से आठ करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है. इसके लिए 27 जनवरी से ही वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. साथ ही रूट डायवर्जन भी लागू कर दिया जाएगा.

चेन्नई से पहुंचे श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)

तीन दिनों से छाया है घना कोहरा

मकर संक्रांति पर डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालुओं को भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए. मंगलवार को भी आसमान में बादल छाये रहे. इससे महाकुंभ क्षेत्र में गलन भरी सर्दी से राहत रही. मंगलवार को अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हालांकि बीते तीन दिनों से घना कोहरा बना हुआ है.

यह भी पढ़ें : हैदराबाद से महाकुंभ पहुंचे श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, ईटीवी के पूर्व चेयरमैन रामोजी राव को याद कर बोले 'ये हमारा चैनल है' - MAHA KUMBH 2025

यह भी पढ़ें : महाकुंभ मेला क्षेत्र में जनसैलाब: श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन और बस अड्डा जाने से रोका, लोग परेशान - MAHA KUMBH MELA 2025

प्रयागराज: संगम में डुबकी लगाने के लिए देशभर से श्रद्धालुओं का आना जारी है. पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के बाद देश-विदेश से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम (गंगा-यमुना- सरस्वती) में डुबकी लगा रहे हैं. लोग दुर्लभ महाकुंभ की घड़ी में आस्था की डुबकी लगाकर अपने को धन्य मान रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार सुबह दक्षिण भारत के शहर चेन्नई से श्रद्धालुओं का जत्था यहां पहुंचा और संगम में स्नान किया. संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में श्रद्धालुओं ने संगम स्नान का अनुभव और महत्व साझा किया. श्रद्धालुओं का है कि संगम में स्नान करने के बाद अब हम पवित्र हो गए हैं. भगवान शिव और गंगा मैया के दर्शन करने के बाद अब भगवान श्रीराम के अयोध्या मंदिर दर्शन को भी जाएंगे.

मौनी अमावस्या स्नान की तैयारी तेज

पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के बाद अब मौनी अमावस्या के स्नान (29 जनवरी) को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. इसके लिए मेला प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. मौनी अमवस्या स्नान पर्व पर सबसे ज्यादा सात से आठ करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है. इसके लिए 27 जनवरी से ही वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. साथ ही रूट डायवर्जन भी लागू कर दिया जाएगा.

चेन्नई से पहुंचे श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)

तीन दिनों से छाया है घना कोहरा

मकर संक्रांति पर डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालुओं को भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए. मंगलवार को भी आसमान में बादल छाये रहे. इससे महाकुंभ क्षेत्र में गलन भरी सर्दी से राहत रही. मंगलवार को अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हालांकि बीते तीन दिनों से घना कोहरा बना हुआ है.

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