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पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को सुनाई 20 साल की सजा, जानिए क्या था पूरा मामला

फिरोजाबाद की अदालत ने नाबालिग लड़की को भगाने और दुष्कर्म करने के दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर 38 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

दुराचारी को 20 साल की सजा
दुराचारी को 20 साल की सजा
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Published : Jul 26, 2022, 9:35 PM IST

फिरोजाबाद: जिले की विशेष पॉक्सो कोर्ट अदालत ने एक दुराचारी को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी पर 38 हजार का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर आरोपी को 10 महीने की सजा अतिरिक्त भुगतनी पड़ेगी. दोष सिध्द आरोपी पर यह आरोप लगा था कि वह कक्षा 11 में पढ़ने वाली एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया था.

अभियोजन पक्ष ने बताया कि घटना साल 2014 की है. थाना नारखी क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली लड़की जो कि कक्षा 11 की छात्रा थी और कोटला गांव स्थित एक इंटर कॉलेज में पढ़ती थी. बालिका स्कूल पढ़ने गई थी, लेकिन लौट कर नहीं आई. इसपर पिता ने 19 सितंबर 2014 में थाना नारखी में गुमशुदगी की तहरीर दी थी.

इसके बाद पुलिसिया दखल के बाद लड़की बरामद को बरामद कर लिया गया. इस मामले में बालिका के पिता ने गांव बरतरा निवासी सत्यभान पुत्र साधू सिंह के खिलाफ नाबालिक को भगाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था. पुलिस द्वारा केस में पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 की बढ़ोत्तरी की गई. पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की और साक्ष्य संकलन के बाद आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

यह भी पढ़ें:फिरोजाबाद: दारोगा पर महिला ने लगाया अश्लील मैसेज भेजने का आरोप, निलंबित

इस मामले की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश एवं विशेष पॉक्सो कोर्ट न्यायालय में हुई. विद्वान न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना साथ ही साक्ष्यों का भी अवलोकन किया. अदालत में आरोपी सत्यभान को घटना का दोषी पाया. लिहाजा विशेष पॉक्सो कोर्ट ने सत्यवान को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने उस पर 38 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना न देने पर 10 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा.

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फिरोजाबाद: जिले की विशेष पॉक्सो कोर्ट अदालत ने एक दुराचारी को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी पर 38 हजार का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर आरोपी को 10 महीने की सजा अतिरिक्त भुगतनी पड़ेगी. दोष सिध्द आरोपी पर यह आरोप लगा था कि वह कक्षा 11 में पढ़ने वाली एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया था.

अभियोजन पक्ष ने बताया कि घटना साल 2014 की है. थाना नारखी क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली लड़की जो कि कक्षा 11 की छात्रा थी और कोटला गांव स्थित एक इंटर कॉलेज में पढ़ती थी. बालिका स्कूल पढ़ने गई थी, लेकिन लौट कर नहीं आई. इसपर पिता ने 19 सितंबर 2014 में थाना नारखी में गुमशुदगी की तहरीर दी थी.

इसके बाद पुलिसिया दखल के बाद लड़की बरामद को बरामद कर लिया गया. इस मामले में बालिका के पिता ने गांव बरतरा निवासी सत्यभान पुत्र साधू सिंह के खिलाफ नाबालिक को भगाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था. पुलिस द्वारा केस में पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 की बढ़ोत्तरी की गई. पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की और साक्ष्य संकलन के बाद आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

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इस मामले की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश एवं विशेष पॉक्सो कोर्ट न्यायालय में हुई. विद्वान न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना साथ ही साक्ष्यों का भी अवलोकन किया. अदालत में आरोपी सत्यभान को घटना का दोषी पाया. लिहाजा विशेष पॉक्सो कोर्ट ने सत्यवान को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने उस पर 38 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना न देने पर 10 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा.

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