बुलंदशहर: 2 जुलाई की रात पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने कानपुर के बिकरू गांव पहुंची थी. इस दौरान बदमाशों की गोली से 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, तो वहीं कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. घायलों में बुलंदशहर के निवासी अजय कश्यप भी शामिल थे. इन्हें मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की 2 गोलियां लगी थी. इलाज के बाद घर पहुंचे अजय कश्यप ने खौफनाक ऑपरेशन का सच बताया, तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए.
घटना के बाद से ही बुलंदशहर निवासी अजय कश्यप के परिजन खासा परेशान थे. मुठभेड़ के दौरान अजय को 2 गोलियां लगी थी. अजय ने बताया कि सीओ की अगुवाई में 3 थानों की पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी. इस दौरान विकास दुबे के घर से 200 मीटर दूर खड़ी जेसीबी को पार करके पुलिस विकास के घर तक पहुंची.
अजय कश्यप के मुताबिक विकास दुबे के घर से करीब 200 मीटर दूर रास्ते में एक जेसीबी खड़ी हुई थी. पुलिस जेसीबी को पार करते हुए विकास के घर के करीब जा पहुंची. इस दौरान पुलिस ने विकास के घर की छत पर टार्च मारी, तो वहां एक आदमी खड़ा दिखाई दिया. अजय कश्यप ने बताया कि पुलिस विकास दुबे के घर को पीछे से घेरना चाहती थी. इसलिए वह विकास दुबे के घर को घेरने के लिए आगे बढ़ी तो अचानक घात लगाए बैठे बदमाशों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं.
घायल सिपाही अजय ने बताया कि पहली बार में ही बदमाशों ने 20 से 22 राउंड फायरिंग की, जिससे एसओ, सिपाही अजय सेंगर और सिपाही अजय कश्यप घायल हो गए. वहीं घायल पुलिसकर्मियों ने कवरिंग फायर करते हुए पहले एक दीवार और ट्रॉली की आड़ लेते पुलिस की जीप तक जा पहुंचे, जहां सीनियर अफसरों ने घायल पुलिसवालों को अस्पताल पहुंचाया.
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