बरेली: जिले के मीरगंज क्षेत्र और उसके आसपास के इलाके में बंदरों का आंतक तेज हो गया है. उत्पाती और खूंखार बंदर लोगों को लगातार शिकार बना रहे हैं. वहीं, इन बंदरों को देखते ही लोगों को अपने पुराने जख्म याद आ जा रहे हैं. बच्चे तो बच्चे बड़े भी बंदरों के झुंड को देखकर कांप उठ रहे हैं. आमजन की इस समस्या काे हल करने के लिए वन विभाग की तरफ से भी कोई ठोस पहल नहीं हो पा रही है. आमजन छतों और सड़कों पर निकलने से पहले बंदरों से बचने के लिए अपने साथ डंडा-लाठी लेकर चल रहे हैं. बंदरों का झुंड फतेहगंज पश्चिमी में 24 लोगों को घायल कर चुका है.
जिले के दुनका में आठ दिन पहले एक मासूम की पिता की गोद से छीनकर जान लेने के बाद रविवार को बंदरों के एक झुंड ने एक बुजुर्ग छोटेलाल (60) को हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बमुश्किल किसी तरह उन्हें बंदरों के चंगुल से बचाया. वहीं, तेहगंज पश्चिमी थाना के सतुईया खास निवासी प्रेमपाल खेत में काम कर रहे थे. इसी दौरान बंदरों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया और उनका बायां कान काट ले गए. इसके अलावा खिरका निवासी बुद्धसेन पर खेत जाते समय बंदरों ने हमला कर दिया था.
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राजश्री मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में काम करने वाले धनेटा के सर्वेश, हरिओम, विशाल, आकाश और वदंना भी इनके हमले का शिकार हो चुकी हैं. इसके अलावा कुरतरा के डॉ. कासिम और बदायूं के मेडिकल स्टूडेंट सुनील कुमार पर बंदरों ने हमला कर घायल कर दिया. वहीं, थानपुर गांव में बंदर छेदालाल के घर में घुस गए और हमला कर उनका कान जख्मी कर दिया. गांव के अर्जुन कुमार पर भी बंदरों ने हमला कर घायल कर दिया. बंदरों के हमले में औंध निवासी धनपाल, मढ़ौली निवासी शिवम, फतेहगंज पश्चिमी की मीना, राधिका, तस्लीम, शेरबहादुर, प्रकाश चंद्र उपाध्याय नारा और फरीदापुर को भी बंदरों के झुंड ने अपना शिकार बनाया.
राजश्री मेडिकल कॉलेज में हमले के बाद कॉलेज के कर्मचारियों ने एक कमरे में किसी बंदर को बंद कर दिया. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम भी उसे पकड़ने के लिए अंदर जाने से कतराती रही. इस बीच बंदर खिड़की से निकल कर कमरे से भाग गया और वन विभाग टीम देखती रह गई. छात्रों पर बंदरों के हमले की सूचना पर वन विभाग की टीम पिंजरा लेकर राजश्री मेडिकल पहुंची और बंदर की तलाश शुरू कर दी. लेकिन, बंदर हाथ नहीं आया. इसके बाद गर्ल्स हॉस्टल की छत पर वन विभाग की टीम ने पिंजरा लगाकर उनके खाने का सामान रख दिया, ताकि जैसे ही बंदर खाने को आए उसमें बंद हो जाए.
बंदरों के आंतक के बारे में बताते हुए राजश्री मेडिकल कॉलेज के मैनेजर श्याम गंगवार ने कहा कि सुबह से कई लोगों को बंदर काट चुके हैं. वन विभाग को सूचना दी गई. वन विभाग कर्मचारी आए और पिंजरा लगा दिया. लेकिन, बंदरों का आंतक बीते तीन दिन से बहुत ही अधिक हो गया है. यहां पहले भी बंदर थे. लेकिन, वो खूंखार नहीं थे. पता नहीं कहां से इतने खूंखार बंदर आ गए हैं.
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