बरेली : जिले में आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग को फाउंटेन बताते हुए कहा कि कानून का मजाक बनाया जा रहा है. अगर इस तरह से किया गया तो इसका अंजाम बुरा होगा. बरेली में अपने निवास पर प्रेसवार्ता के दौरान आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में कानून का मजाक बनाते हुए उसके खिलाफ काम किया जा रहा है. बंद कमरों की तलाशी लेने के लिए अदालत ने कमीशन बनाया था. इस तरह से जो गुमराह करना चाहते हैं, वे किसको नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. अपने हिंदुत्व और अपने समाज का मजाक उड़ाने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अगर ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग है तो वह कहते हैं कि ऐसे शिवलिंग हिंदुस्तान के हर सूबे, हर जिले और हर शहर में मिलेंगे. हर मस्जिद में तालाब जरूर होता है. अगर वह शिवलिंग है तो ऐसे शिवलिंग हर जिले में मौजूद हैं. उन्होंने कहा, ' इस वक्त ज्ञानवापी का मामला तूल पकड़ा है. मैं इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहता. हिन्दू भाइयों से इतना कहना चाहता हूं कि आपके निर्णय लेने का समय आ गया है. आप हिंदुत्व का मजाक उड़ा रहे हैं. इनको फाउंटेन और शिवलिंग में अंतर करना नहीं आता. यह हैरत की बात है. इस तरह के झूठ और बेईमानी फैलाई जा रही है. मैं समझता हूं कि यह सारी कोशिश भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की मिली जुली साजिश है. इसके पीछे कोशिश से हिंदुस्तान का एक और बंटवारा करना जो हिंदुस्तान का मुसलमान किसी भी कीमत पर बंटवारे को तैयार नहीं है.'
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मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि ज्ञानवापी के मामले में यदि हुकूमत बेईमानी कर गलत फैसला कराती है, साथ ही दूसरों की आस्था की दुहाई देकर गलत फैसला कराती है तो इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं. बाबरी मस्जिद के सिलसिले में हमने सब्र किया. शांति बनाए रखी. हम चाहते थे कि दुनिया में अमन-शांति बनी रहे. उस कुर्बानी को हमारी कमजोरी न समझा जाए. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में बहुत सारी ऐसी मस्जिदें हैं जो मैं मान सकता हूं कि पहले मंदिर से अब मस्जिद हो गईं हैं. वह मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गईं बल्कि पूरे के पूरे इलाका के लोगों ने इस्लाम कबूल कर अपनी बादशाहत को तब्दील किया था.
मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे आरएसएस की गहरी साजिश का शिकार हुए थे. मोहम्मद अली जिन्ना जो मुसलमान नहीं था, वह हिंदू था. बस समाज से ताल्लुक रखता था. इस वक्त आरएसएस की गहरी साजिश में ऐसे कई लोग हैं, जो मोहम्मद अली जिन्ना वाला काम कर रहे हैं. सामने से दिखते हैं कि मुसलमानों के हिमायती हैं पर उनकी डोर आरएसएस के हाथों में है. मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि बाबरी मस्जिद के मामले में हमने सब्र किया. अगर ज्ञानवापी मस्जिद के फाउंटेन को शिवलिंग मान लिया गया तो पूरी दुनिया यह मान जाएगी कि हिंदुस्तान की हुकूमत हिंदुस्तान की अदालत खुली बेईमान है. बेईमानी से काम कर रहे हैं.
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