प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत मामले में सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपी आनंद गिरी,आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी शनिवार को अदालत में पेश हुए. अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 12 नंवबर तक के लिए बढ़ा दी है. शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में दोपहर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था.
इसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि को 12 नवम्बर तक के लिए बढ़ा दिया. इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए भी 12 नवम्बर की तारीख तय की गयी है. इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवम्बर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही होगी.
शनिवार को इस मामले की सुनवाई सीजेएम हरेंद्र नाथ की कोर्ट में हुई. इस दौरान सीबीआई ने मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की. महंत नरेद्र गिरी के संदिग्ध सुसाइड के बाद इस मामले में महंत नरेद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी और लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया है. तीनों आरोपी फिलहाल नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. इसके साथ ही आनंद गिरी और दूसरे आरोपियों की जमानत अर्जी कोर्ट से खारिज हो चुकी है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए आनंद गिरि की ओर दाखिल जमानत अर्जी पर सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई. सेशन कोर्ट ने केस स्पेशल जज आवश्यक वस्तु अधिनियम की अदालत में सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया. अब इस मामले में 9 नवंबर को स्पेशल जज ईसी मृदुल कुमार मिश्रा की कोर्ट आनंद गिरी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी.
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हालांकि आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर सीबीआई विरोध कर सकती है. सीबीआई के विरोध के बाद मामले की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर हो सकती है. आनंद गिरि की दो बार जमानत अर्जी पहले भी खारिज हो चुकी है. 22 सितंबर को गिरफ्तारी के बाद सीजेएम कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.
प्रयागराज में 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. उनका शव फांसी के फंदे से लटकता पाया गया था. अल्लापुर स्थित बाघंबरी गद्दी के कमरे से उनका शव फंदे से झूलता मिला था. पुलिस ने इस मामले में मठ के लोगों से भी पूछाताछ की थी.