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फतेहपुर से लापता युवती की जांच की मॉनिटरिंग करेंगे डीजीपी, अब तक की जांच से हाईकोर्ट अंसतुष्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल्याणपुर थानाक्षेत्र से गायब युवती के मामले में जांच पर असंतोष जताते हुए जांच की मॉनिटरिंग प्रयागराज के डीजीपी को सौंप दी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 19, 2022, 11:01 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर के कल्याणपुर थानाक्षेत्र से गायब युवती के मामले में जांच पर असंतोष जताते हुए जांच की मॉनिटरिंग प्रयागराज के आईजी की बजाय डीजीपी को सौंप दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने कलावती व अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

अधिवक्ता शिवाकांत सिंह ने बताया कि कोर्ट पिछले आदेश के बाद हुई जांच से असंतुष्ट थी, इसलिए अब मॉनिटरिंग डीजीपी को सौंपी है. पिछली सुनवाई पर कोर्ट पुलिस को एक और अवसर देते हुए युवती को पेश करने का निर्देश दिया था. साथ ही कहा था कि यह पुलिस के लिए अंतिम अवसर होगा. पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने गायब युवती को पेश न कर पाने के कारण नाराजगी जताते हुए कहा था कि क्यों न मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया जाए.

इस पर सरकारी अधिवक्ता ने एक और अवसर देने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख लगाई थी. साथ ही आईजी प्रयागराज व संबंधित पुलिस अफसरों को मौजूद रहने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने एसपी फतेहपुर के हलफनामे पर आपत्ति जताई थी. कहा था कि ऐसा लगता है कि पुलिस अधिकारी मामले को सात लाख रुपये में समझौता कराकर रफा-दफा करना चाहते हैं, जबकि पुलिस का यह भी मानना है कि युवती विपक्षी के साथ है.

यह भी पढे़ं:हाईकोर्ट ने महानिदेशक परिवार कल्याण से पूछा, क्यों न उन्हें अवमानना के लिए किया जाए दंडित

इसके बावजूद पुलिस उसे ढूंढ़ नहीं पा रही है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस अफसरों की अलग-अलग कहानियों पर भी नाराजगी जताई थी. याची ने अपनी बेटी के गायब होने का आरोप विपक्षियों पर लगाया है. कहा है कि पुलिस अधिकारी और एससी-एसटी आयोग तक शिकायत के बावजूद उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई, इसलिए मजबूर होकर उसने यह याचिका दाखिल की है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर के कल्याणपुर थानाक्षेत्र से गायब युवती के मामले में जांच पर असंतोष जताते हुए जांच की मॉनिटरिंग प्रयागराज के आईजी की बजाय डीजीपी को सौंप दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने कलावती व अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

अधिवक्ता शिवाकांत सिंह ने बताया कि कोर्ट पिछले आदेश के बाद हुई जांच से असंतुष्ट थी, इसलिए अब मॉनिटरिंग डीजीपी को सौंपी है. पिछली सुनवाई पर कोर्ट पुलिस को एक और अवसर देते हुए युवती को पेश करने का निर्देश दिया था. साथ ही कहा था कि यह पुलिस के लिए अंतिम अवसर होगा. पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने गायब युवती को पेश न कर पाने के कारण नाराजगी जताते हुए कहा था कि क्यों न मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया जाए.

इस पर सरकारी अधिवक्ता ने एक और अवसर देने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख लगाई थी. साथ ही आईजी प्रयागराज व संबंधित पुलिस अफसरों को मौजूद रहने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने एसपी फतेहपुर के हलफनामे पर आपत्ति जताई थी. कहा था कि ऐसा लगता है कि पुलिस अधिकारी मामले को सात लाख रुपये में समझौता कराकर रफा-दफा करना चाहते हैं, जबकि पुलिस का यह भी मानना है कि युवती विपक्षी के साथ है.

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इसके बावजूद पुलिस उसे ढूंढ़ नहीं पा रही है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस अफसरों की अलग-अलग कहानियों पर भी नाराजगी जताई थी. याची ने अपनी बेटी के गायब होने का आरोप विपक्षियों पर लगाया है. कहा है कि पुलिस अधिकारी और एससी-एसटी आयोग तक शिकायत के बावजूद उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई, इसलिए मजबूर होकर उसने यह याचिका दाखिल की है.

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