प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. जमानतदारों ने एक जानलेवा हमले के मामले में मुख्तार की जमानत वापस ले ली है. दरअसल इस मामले में प्रयागराज के दो सगे भाइयों मोहम्मद अकबर और मोहम्मद अकमल ने बहुजन समाज पार्टी के विधायक की जमानत ली थी. लेकिन सोमवार को दोनों ने जमानत वापस लेने के लिए प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में अर्जी दाखिल की और जमानतदारों ने जमानत वापस ले ली.
प्रयागराज के सोरांव इलाके के रहने वाले दोनों जमानतदारों ने कोर्ट में जमानत वापस लेने की बात कही. दोनों भाइयों ने कोर्ट में कहा कि कुछ पर्सनल काम से दोनों शहर के बाहर जा रहे हैं. इसीलिए वह मुख्तार की जमानत वापस लेना चाहते हैं. वहीं जज आलोक श्रीवास्तव ने दोनों जमानतदारों की अर्जी स्वीकार करते हुए मामले में दी गई जमानत रद्द कर दी. अब मुख्तार की जेल से बाहर आने की राह और भी मुश्किल होगी.
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मामले में माफिया मुख्तार का कस्टडी वारंट बनाए जाने का भी आदेश जारी किया गया. जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने 26 अगस्त 2010 को मुख्तार अंसारी को जमानत दी थी. अब एक बार फिर से उसकी जमानत को कोर्ट ने रद्द कर दिया है. मामले की सुनवाई प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है. अब अगली सुनवाई 22 सितंबर को होनी है.
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मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में साल 2009 को आईपीसी की धारा 307, 506 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था. उस दौरान जिन सगे भाइयों ने माफिया की जमानत ली थी, अब उन्होंने निजी कारणों से जमानत वापस ले ली है. इसके बाद जेल में बंद माफिया की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. अब उनके जेल से बाहर निकलने की राह और मुश्किल हो गई है.