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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बनेंगी संयुक्त समिति, कानूनविद भी होंगे शामिल

प्रयागराज में स्थित प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और शिक्षक संघ अध्यक्ष राम किशोर शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्विद्यालय की प्रतिष्ठा और गरिमा को बचाने के 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ' संयुक्त समिति का गठन किया गया है.

मीडिया से बात करते राम किशोर शास्त्री, शिक्षक संघ अध्यक्ष
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Published : Sep 11, 2019, 7:54 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पुरानी प्रतिष्ठा बचाने और शैक्षणिक गतिविधियों को और बेहतर बनाने के लिए यहां के पूर्व प्रोफेसर और छात्र संघ के पदाधिकारियों ने बीड़ा उठाया है. इसमें शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और कानूनविद भी शामिल होंगे. इसके लिए बुद्धजीवियों ने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है.

मीडिया से बात करते राम किशोर शास्त्री, शिक्षक संघ अध्यक्ष
लौटाएंगे इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पुरानी प्रतिष्ठा-प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर व शिक्षक संघ अध्यक्ष राम किशोर शास्त्री ने बताया कि विश्वविद्यालय वर्तमान कुलपति की कार्यप्रणाली के चलते यहां पर व्याप्त वित्तीय अनियमितता, प्रशासनिक व विधिक पतन अपनी पराकाष्ठा को प्राप्त हो चुका है. विश्विद्यालय की प्रतिष्ठा और गरिमा को बचाने के लिए 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ' संयुक्त समिति का गठन किया गया है. इस समिति के माध्यम से यहां पर होने वाली मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा.

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए राम किशोर शास्त्री ने कहा कि यहां के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने अपने द्वारा किए गए आर्थिक घोटाले को छुपाने के लिए अपने पूरे कार्यकाल में एक बार भी विश्वविद्यालय सभा या कोर्ट की बैठक नहीं बुलाई, जिसमें सदन के नामित सांसद भी होते हैं. इनकी बैठक कभी नहीं बुलाई गई, जबकि कोर्ट के सदस्यों के अनुमोदन से विश्विद्यालय का बजट पास होता है. विश्वविद्यालय एक्ट के मुताबिक इसके कोर्ट को ही किसी बजट को पास करने का अधिकार है.

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पुरानी प्रतिष्ठा बचाने और शैक्षणिक गतिविधियों को और बेहतर बनाने के लिए यहां के पूर्व प्रोफेसर और छात्र संघ के पदाधिकारियों ने बीड़ा उठाया है. इसमें शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और कानूनविद भी शामिल होंगे. इसके लिए बुद्धजीवियों ने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है.

मीडिया से बात करते राम किशोर शास्त्री, शिक्षक संघ अध्यक्ष
लौटाएंगे इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पुरानी प्रतिष्ठा-प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर व शिक्षक संघ अध्यक्ष राम किशोर शास्त्री ने बताया कि विश्वविद्यालय वर्तमान कुलपति की कार्यप्रणाली के चलते यहां पर व्याप्त वित्तीय अनियमितता, प्रशासनिक व विधिक पतन अपनी पराकाष्ठा को प्राप्त हो चुका है. विश्विद्यालय की प्रतिष्ठा और गरिमा को बचाने के लिए 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ' संयुक्त समिति का गठन किया गया है. इस समिति के माध्यम से यहां पर होने वाली मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा.

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए राम किशोर शास्त्री ने कहा कि यहां के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने अपने द्वारा किए गए आर्थिक घोटाले को छुपाने के लिए अपने पूरे कार्यकाल में एक बार भी विश्वविद्यालय सभा या कोर्ट की बैठक नहीं बुलाई, जिसमें सदन के नामित सांसद भी होते हैं. इनकी बैठक कभी नहीं बुलाई गई, जबकि कोर्ट के सदस्यों के अनुमोदन से विश्विद्यालय का बजट पास होता है. विश्वविद्यालय एक्ट के मुताबिक इसके कोर्ट को ही किसी बजट को पास करने का अधिकार है.

Intro:इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पुरानी प्रतिष्ठा बचाने और शैक्षणिक गतिविधियों को और बेहतर बनाने के लिये यहा के पूर्व प्रोफेसर और छात्र संघ के पदाधिकारियों ने बीड़ा उठाया है। इसमें शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और कानूनविद भी शामिल होंगे। इसके लिए बुद्धजीवियों ने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है।


Body:प्रयागराज स्थित प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर व शिक्षक संघ अध्यक्ष राम किशोर शास्त्री ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि यह विश्वविद्यालय वर्तमान कुलपति की कार्यप्रणाली के चलते यहा पर व्याप्त वित्तीय अनियमितता, प्रशासनिक व विधिक पतन अपनी पराकाष्ठा को प्राप्त हो चुका है। इसके लिये विश्विद्यालय की प्रतिष्ठा और गरिमा को बचाने के इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ संयुक्त समिति का गठन किया गया है। इस समिति के माध्यम से यहा पर होने वाली मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यहा के कुलपति हांगलू ने अपने द्वारा किये गए आर्थिक घोटाले को छुपाने के लिए अपने पूरे कार्यकाल मे एक बार भी विश्वविद्यालय सभा या कोर्ट की बैठक नही बुलाई जिसमे सदन के नामित सांसद भी होते है। इनकी बैठक कभी नही बुलाई गई जबकि कोर्ट के सदस्यों के अनुमोदन से विश्विद्यालय का बजट पास होता है। विश्वविद्यालय एक्ट के मुताबिक इसके कोर्ट को ही किसी बजट को पास करने का अधिकार है।



Conclusion: उन्होंने कहा कि समिति के माध्यम से इसकी लड़ाई लड़ी जाएगी और इनके द्वारा किये भ्र्ष्टाचार को लेकर न्यायालय के माध्यम से मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

बाईट: रामकिशोर शास्त्री पूर्व प्रोफेसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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