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हाईकोर्ट ने दिया पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का आदेश - High court ordered to train police and administrative officers

हाईकोर्ट ने डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया. एसडीएम रसड़ा के आदेश पर पुलिस द्वारा परिवारीजनों को बेदखल कर मकान ध्वस्त करने पर कोर्ट ने जानकारी मांगी है.

हाईकोर्ट
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Published : Jul 27, 2022, 10:22 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक व प्रमुख सचिव गृह को अपने अधिकारियों को कर्तव्य का पालन करने का प्रशिक्षण देने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जिस पुलिस पर नागरिकों के जीवन संपत्ति की रक्षा का दायित्व है. वहीं, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन न कर मनमानी व अवैध कार्रवाई कर डर्टी जॉब कर रहे हैं. कोर्ट ने जिलाधिकारी बलिया व एसडीएम रसड़ा से आदेश के अनुपालन का हलफनामा मांगा है.

कोर्ट ने जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने विवादित संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है. याचिका की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मोहम्मद सईद की द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. अपीलार्थी को मकान से बेदखल करने का सिविल वाद लंबित था. बिना किसी डिक्री या कोर्ट आदेश के एसडीएम रसड़ा और जिला बलिया ने कोतवाली पुलिस को मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया. इस पर कोर्ट ने विपक्षी से दो हफ्ते में जानकारी मांगी है.

पुलिस की भूमिका पर कोर्ट ने 12 जुलाई 22 के आदेश से अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था. ट्रेनी सीओ/एसएचओ कोतवाली उस्मान, दरोगा रवीन्द्र कुमार पटेल व क्राइम इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम ने डिक्री का पालन करने का निर्देश दिया था. इस पर मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई.

जबकि एसपी बलिया की रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस जबरन घर में घुसी, गाली-गलौज की और अपीलार्थी के परिवार को बाहर निकाल दिया. अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उसे दरोगा ने कोतवाली बुलाया, लेकिन बताया कि उसके कोतवाली पहुंचने से पहले ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा चुकी थी.

यह भी पढ़ें:स्मृति ईरानी के खिलाफ एफआईआर की मांग वाली याचिका खारिज

पुलिस स्कवैड ने तत्परता दिखाई और अवैध कार्रवाई की. अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया. सिविल कोर्ट के पॉवर को मनमाने ढंग से मजिस्ट्रेट ने हड़प लिया. कोर्ट ने एसडीएम के आदेश को अवैध करार दिया है. जिस पर कोर्ट ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के कदम उठाने का निर्देश दिया है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक व प्रमुख सचिव गृह को अपने अधिकारियों को कर्तव्य का पालन करने का प्रशिक्षण देने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जिस पुलिस पर नागरिकों के जीवन संपत्ति की रक्षा का दायित्व है. वहीं, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन न कर मनमानी व अवैध कार्रवाई कर डर्टी जॉब कर रहे हैं. कोर्ट ने जिलाधिकारी बलिया व एसडीएम रसड़ा से आदेश के अनुपालन का हलफनामा मांगा है.

कोर्ट ने जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने विवादित संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है. याचिका की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मोहम्मद सईद की द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. अपीलार्थी को मकान से बेदखल करने का सिविल वाद लंबित था. बिना किसी डिक्री या कोर्ट आदेश के एसडीएम रसड़ा और जिला बलिया ने कोतवाली पुलिस को मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया. इस पर कोर्ट ने विपक्षी से दो हफ्ते में जानकारी मांगी है.

पुलिस की भूमिका पर कोर्ट ने 12 जुलाई 22 के आदेश से अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था. ट्रेनी सीओ/एसएचओ कोतवाली उस्मान, दरोगा रवीन्द्र कुमार पटेल व क्राइम इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम ने डिक्री का पालन करने का निर्देश दिया था. इस पर मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई.

जबकि एसपी बलिया की रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस जबरन घर में घुसी, गाली-गलौज की और अपीलार्थी के परिवार को बाहर निकाल दिया. अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उसे दरोगा ने कोतवाली बुलाया, लेकिन बताया कि उसके कोतवाली पहुंचने से पहले ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा चुकी थी.

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पुलिस स्कवैड ने तत्परता दिखाई और अवैध कार्रवाई की. अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया. सिविल कोर्ट के पॉवर को मनमाने ढंग से मजिस्ट्रेट ने हड़प लिया. कोर्ट ने एसडीएम के आदेश को अवैध करार दिया है. जिस पर कोर्ट ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के कदम उठाने का निर्देश दिया है.

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