प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले (Narendra Giri Death Case) में गिरफ्तार स्वामी आनंद गिरी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. जिला न्यायालय से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में आनंद गिरी (Anand Giri) ने सोमवार को अर्जी दाखिल की.
इलाहाबाद कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में साल 2018 में दर्ज छेड़खानी के मुकदमे की स्टेटस रिपोर्ट सीबीआई के वकीलों से तलब की. सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव ने इस तथ्य के सत्यापन के लिए समय मांगा. कोर्ट ने सीबीआई को सत्यापन हलफनामा दाखिल करने का 10 दिन का समय दिया. माना जा रहा है कि इससे आनंद गिरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जस्टिस राजीव गुप्ता की एकल पीठ ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई की. मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने अगली तारीख 14 फरवरी की नियत की है.
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20 सितंबर 2021 को साधु संतो की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का शव प्रयागराज के बाघमबरी मठ के कमरे में पाया गया था. कमरे से बरामद महंत के सुसाइड नोट के मुताबिक, आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए दोषी बताया गया था. इसके बाद सीबीआई ने इन लोगों को आरोपी मानते हुए तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
मामले की जांच पड़ताल के बाद सीबीआई ने 20 नवंबर को आनंद गिरी समेत अन्य के खिलाफ 1 हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट दाखिल होने के बाद जिला न्यायालय स्वामी आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की जमानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है.
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